- शिक्षकों की रिक्तियां को भरने के लिए नियमावली बनाएं
- राज्य के छात्रावासों में आवश्यक सुविधा उपलब्ध कराएं
रांची । मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि जन उपयोगी योजनाओं को प्राथमिकता के तौर पर लागू करें। वैसी योजनाएं जिनका रिजल्ट संतोषजनक नहीं है, उनसमीक्षा कर उनकी कार्य पद्धति में बदलाव लाएं। अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति, अल्पसंख्यक एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के तहत संचालित स्कूलों में शिक्षकों की रिक्तियां को भरने के लिए नियमावली बनाएं। उन रिक्तियों पर एक तय समय सीमा के अंदर नियुक्ति प्रक्रिया को पूरा करें। उक्त बातें मुख्यमंत्री ने 7 दिसंबर को झारखंड मंत्रालय में अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति, अल्पसंख्यक एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग की समीक्षा बैठक में कहीं।
आधुनिक मॉडल के अनुरूप बनाएं
मुख्यमंत्री ने पदाधिकारियों को निर्देशित किया कि विभाग द्वारा संचालित सभी आवासीय विद्यालयों को आदर्श विद्यालयों की तर्ज पर संचालित करें। आवासीय विद्यालय के परिसरों को आधुनिक मॉडल के अनुरूप बनाएं। इन विद्यालयों में हॉकी, फुटबॉल आर्चरी इत्यादि खेल, मेडिकल सेवा एवं अन्य आवश्यक सेवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित कराएं। इन स्कूलों में पठन-पाठन गुणवत्ता पूर्ण हो।
राज्य में 175 स्कूल संचालित
विभागीय सचिव अमिताभ कौशल ने बताया कि राज्य में कुल 175 आवासीय विद्यालय संचालित हैं। इसमें बालक आवासीय विद्यालय 98 और बालिका आवासीय विद्यालय 45 हैं। इन आवासीय विद्यालयों में नियमित शिक्षकों की रिक्तियों के विरुद्ध मंत्रिपरिषद की स्वीकृति के उपरांत अंशकालीन शिक्षकों की सेवा घंटी के आधार पर ली जा रही है। विभागीय सचिव ने मुख्यमंत्री को अवगत कराया की बोर्ड की परीक्षा में आवासीय उच्च विद्यालय के छात्र-छात्राओं का उत्तीर्णता प्रतिशत 91.45 प्रतिशत रहा है, जिसमें 69.02 प्रतिशत छात्र-छात्राएं प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण हुए हैं।
एकलव्य विद्यालय का निर्माण जल्द पूरा करें
श्री सोरेन ने विभागीय पदाधिकारियों को निर्देश दिया कि राज्य में निर्माणाधीन एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालयों के निर्माण कार्य को जल्द से जल्द पूरा करें। सचिव ने मुख्यमंत्री को बताया कि राज्य में 23 एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय स्वीकृत किए गए हैं। इनमें से 7 विद्यालयों का संचालन एनजीओ द्वारा किया जा रहा है। राज्य में और 13 नए एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय संचालित करने का लक्ष्य है। केंद्र सरकार द्वारा राज्य में 69 नए स्वीकृत किए गए हैं। 69 में लगभग 53 विद्यालयों के लिए जमीन भी उपलब्ध करा दी गयी है। मुख्यमंत्री ने बैठक में आश्रम विद्यालयों के अद्यतन कार्य प्रगति पर अलग से समीक्षा करने का निर्देश भी दिया।
छात्रावासों में आवश्यक सुविधा उपलब्ध कराएं
मुख्यमंत्री ने कहा कि कल्याण विभाग द्वारा राज्य में जितने भी छात्रावास संचालित हो रहे हैं, उसका सर्वे करें। जो छात्रावास क्रियाशील नहीं है, उन्हें क्रियाशील करें। ऐसे छात्रावास जो टूटे-फूटे हैं, उन्हें रिपेयर करें। पानी, बिजली, बेड एवं रसोई के संचालन के लिए कार्य योजना तैयार करें।
शहीद ग्राम विकास योजना को मूर्त रूप दें
मुख्यमंत्री ने पदाधिकारियों को निर्देशित किया कि कल्याण विभाग के तहत शहीद ग्राम विकास योजना पर जो कार्य किए जा रहे हैं उन कार्यों को अगले 1 साल में पूरा करें। शहीद ग्राम विकास योजना के तहत जो भी गांव चिन्हित है, उनका कायाकल्प करें। काम करने से पहले ग्रामीण विकास विभाग के साथ समन्वय भी अवश्य स्थापित करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत के स्वतंत्रता संग्राम में अपने प्राणों की आहूति देने वाले झारखंड के जनजातीय शहीदों के जन्मस्थली का समग्र विकास हमसब की प्राथमिकता होनी चाहिए।
दिसंबर के अंत तक पूरा करने का निर्देश
मुख्यमंत्री ने विभागीय पदाधिकारियों से कहा कि दिसंबर, 2020 के अंत तक बिरसा मुंडा सेंट्रल जेल म्यूजियम के प्रस्तावित सभी कार्यों को पूरा करें। म्यूजियम के संचालन के लिए सोसाइटी बनाने का भी निर्देश दिया। बैठक में मुख्यमंत्री ने डॉ रामदयाल मुंडा जनजाति कल्याण शोध संस्थान के कार्य प्रगति की समीक्षा की और आवश्यक दिशा निर्देश भी दिए। मुख्यमंत्री ने जनजातीय इतिहास, जनजातीय समुदाय की आर्थिक स्थिति, उनके भाषा दर्शन तथा जनजाति ज्ञान एवं दृष्टिकोण संबंधित अध्ययन एवं शोध कार्य को मजबूत करने पर बल दिया। टीआरआई निदेशक रणेंद्र कुमार ने डॉ रामदयाल मुंडा जनजाति कल्याण शोध संस्थान के कार्य प्रगति की जानकारी विस्तृत रूप से मुख्यमंत्री के समक्ष रखी।
पट्टा वितरण कार्य में तेजी लाने का निर्देश
मुख्यमंत्री ने कहा कि वनाधिकार अधिनियम के तहत व्यक्तिगत पट्टा एवं सामुदायिक पट्टा वितरण कार्य में तेजी लाएं। मुख्यमंत्री ने विधिक सहायता एवं चिकित्सा सहायता योजना की भी समीक्षा की एवं आवश्यक दिशा निर्देश भी दिए। बैठक में प्रेझा फाऊंडेशन कल्याण गुरुकुल के कार्य प्रगति की भी जानकारी दी गई। बैठक में सरना, मसना, जाहेरस्थान, एवं हड़गड़ी घेराबंदी योजना की अद्यतन स्थिति की जानकारी देते हुए विभागीय सचिव ने बताया कि इन स्थलों के विकास के लिए पेयजल, कमरा-बरामदा तथा बैठने के लिए चबूतरा निर्माण एवं सौंदर्यीकरण करवाने का कार्य विभाग द्वारा किये जाने की योजना है। इस वित्तीय वर्ष 2020-21 में 89 करोड़ रुपये का बजट रखा गया है। बैठक में बिरसा आवास योजना, ग्रामीण कल्याण अस्पताल, पहाड़िया स्वास्थ्य केंद्र एवं आयुर्वेदिक केंद्र के अद्यतन स्थिति की भी जानकारी मुख्यमंत्री को दी गई।
ये अधिकारी भी थे मौजूद
बैठक में राज्य के अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति, अल्पसंख्यक एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के मंत्री चम्पई सोरेन, मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का, सचिव अमिताभ कौशल, टीआरआई निदेशक रणेंद्र कुमार सहित संबंधित विभाग के अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे।