आनंद कुमार सोनी
लोहरदगा । प्रख्यात अंग्रेजी साहित्यकार शेक्सपियर ने कहा था, ‘नाम में क्या रखा है।‘ अगर गुलाब को किसी अन्य नाम से पुकारें तो क्या, खुशबु तो उतनी ही देगा। हालांकि उनकी बातों पर नहीं जाएं। नाम में बहुत कुछ रखा है। नाम को लेकर ही हंगामा मचा हुआ है।

ताजा वाक्या जिला परिषद कार्यालय भवन का है। इसका उद्घाटन 7 दिसंबर को होना है। झारखंड के वित्त मंत्री और स्थानीय विधायक डॉ रामेश्वर उरांव इसका उद्घाटन करेंगे। शिलापट्ट तैयार हो चुका है। इसमें नाम भी अंकित किया जा चुका है। हालांकि जिला परिषद अध्यक्ष सुनैना कुमारी को छोड़कर किसी सदस्य का नाम नहीं है। इससे बवाल मच गया है। जिला परिषद सदस्यों ने शिलापट्ट पर नाम दर्ज नहीं होने पर विरोध जताया है।
सदस्यों का कहना है कि यह सब पावर का खेल और लोकल जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा है। आज जिला परिषद कार्यालय भवन का उद्घाटन होना है। इसके शिलापट्ट पर जिला परिषद के सदस्यों का नाम भी लिखाना उचित नहीं समझा गया। जिनके कार्यालय का उद्घाटन है, उन्हीं का नाम गायब है। जिन्हें इस कार्यालय में बैठकर जनता का काम करना है, उन्हीं का नाम गायब है।
सदस्यों का कहना है कि वे जनता के चुने हुए प्रतिनिधि हैं, पर उनका नाम गायब है। इसकी वजह वे पावर कम होना बताते हैं। उनका कहना है कि उनके पास पावर कम है। अगर ऐसे बोर्ड में नाम लिखाना है, तो पावर बढ़ाना होगा। जनता ने जिन्हें जिला परिषद सदस्य नहीं चुना है। विधायक चुना है। विधायकों ने राज्यसभा सांसद चुना है। उनका नाम शिलापट्ट में है।
जनता ने सुनैना कुमारी, जाफर खान, विनोद सिंह खेरवार, रानी देवी, राम लखन प्रसाद, बिरजमुनि उरांव, पूनम मिंज को जिला परिषद सदस्य चुना है। ब्रजकिशोर भगत भी सदस्य चुने गये थे। उनका निधन हो चुका है। अभी 7 जिला परिषद सदस्य हैं। हालांकि अध्यक्ष को छोड़कर किसी सदस्य का नाम शिलापट्ट पर अंकित कराना उचित नहीं समझा गया।