जमशेदपुर। बड़ी खबर यह है कि चाईबासा के पूर्व सिविल सर्जन डॉ. फकीर चन्द्र हेम्ब्रम को 126 पारा मेडिकल कर्मियों की बहाली में धांधली के मामले में पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।
उनकी गिरफ्तारी जमशेदपुर के परसुडीह के प्रमथनगर स्थित उनके आवास से की गई। मामला वर्ष 2005 में बहाली में नियमों और शर्तों की अनदेखी करने का है। इसका खुलासा आरटीआई कार्यकर्ता बुधराम लागुरी द्वारा राज्य सूचना आयोग से प्राप्त सूचना के आधार पर हुआ था। मामले की जांच लोकायुक्त, झारखंड से करायी गयी थी। जांच में आरोपों की पुष्टि होने के बाद पिछले वर्ष चाईबासा सदर थाने में उनके खिलाफ मामला दर्ज कराया गया था।
मामला 20 फार्मासिस्ट, 100 से ज्यादा एएनएम और 6 प्रयोगशाला सहायकों की बहाली में नियमों को ताख पर रखकर मेधा सूची में गड़बड़ी का है। जांच में यह भी खुलासा हुआ था कि प्रयोगशाला सहायक पद पर दो ऐसे लोगों को बहाल कर दिया गया था, जिन्होंने कभी किसी साक्षात्कार में भाग तक नहीं लिया था। इसके बाद आरटीआई कार्यकर्ता ने मामले की शिकायत लोकायुक्त, झारखंड से की थी। लोकायुक्त की जांच में शिकायत सही पाई गई। इस मामले में जिले के पूर्व सिविल सर्जन डॉक्टर ओमप्रकाश गुप्ता ने तत्कालीन उपायुक्त अरवा राजकमल के अनुमोदन पर चाईबासा के सदर थाने में सितंबर 2020 में प्राथमिकी दर्ज कराई थी।
डॉ फकीर चंद्र हेम्ब्रम के खिलाफ आईपीसी की धारा 466/468 और 471 के साथ 13 (1) डी भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी। उसी मामले में पुलिस ने डॉ. फकीर चन्द्र हेम्ब्रम को गिरफ्तार किया है।