झारखंड में सरना कोड को लेकर नहीं बनी बात, 6 दिसंबर को चक्का जाम सड़क और रेल मार्ग जाम रखेंगे कार्यकर्ता

झारखंड
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रांंची। झारखंड को बंद और चक्का जाम से न जाने कब मिलेगी निजात।
सरना कोड की मांग को लेकर केंद्रीय सरना समिति, अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिषद और आदिवासी सेंगेल अभियान के संयुक्त तत्वावधान में 6 दिसंबर को चक्का जाम का आह्वान किया गया है।
इन संगठनों के कार्यकर्ता रेल और सड़क मार्ग को जाम करेंगे। चक्का जाम की पूर्व संध्या पर चडरी तालाब के पास से अलबर्ट एक्का चौक तक मशाल जुलूस भी निकाला गया।
आदिवासी सेंगेल अभियान के अध्यक्ष और पूर्व सांसद सालखन मुर्मू ने कहा कि 2021 की जनगणना में भारत के आदिवासियों को सरना कोड के साथ शामिल होने का हक बनता है, पर अभी तक उन्हें यह अधिकार नहीं मिला है। अत: 6 दिसंबर को पूर्व से घोषित चक्का जाम करना हमारी मजबूरी है।
उन्होंने कहा कि हम बंदी का आह्वान नहीं कर रहे हैं, बल्कि शांतिपूर्ण तरीके से चक्का जाम करेंगे।
केंद्रीय सरना समिति के अध्यक्ष फूलचंद तिर्की ने कहा कि केंद्र सरकर ने अब तक हमारी मांगों पर कोई पहल नहीं की है। इसलिए 6 दिसंबर को चक्का जाम करेंगे। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को 30 नवंबर 2020 तक लागू करने की मांग की गयी थी एवं आदिवासी समाज के साथ वार्ता करने का अल्टीमेटम दिया गया था. परंतु केंद्र सरकार सरना कोड पर मौन रही है।
शनिवार को मशाल जुलूस में अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिषद के उपाध्यक्ष बाना मुंडा, केंद्रीय सरना समिति के उपाध्यक्ष प्रशांत टोप्पो, केंद्रीय सरना समिति के महासचिव संजय तिर्की, विनय उरांव, किशन लोहरा, ज्योत्सना भगत, सूरज तिग्गा सहित अन्य शामिल थे।