रांची। झारखंड में ब्लैक फंगस के मरीजों के इलाज पर पीआईएल मामले में हाईकोर्ट में सुनवाई हुई।
इसमें सरकार की ओर से महाधिवक्ता राजीव रंजन ने कोर्ट को बताया कि ब्लैक फंगस से निपटने के लिए झारखंड सरकार ने कई कदम उठाए हैं। मरीजों को सभी दवाएं फ्री में उपलब्ध कराई जा रही हैं। इससे निपटने के लिए एसओपी भी तैयार किया गया है। इसके अलावा रिम्स में एक्सपर्ट डॉक्टरों की टीम बनाई गई है। यह जवाब सुनने के बाद रिम्स डायरेक्टर कामेश्वर प्रसाद को भी कोर्ट ने तलब किया। वहीं उनसे पूछा कि ब्लैक फंगस से ग्रसित महिला के मामले में कोर्ट ने निर्देश दिया था, उसका क्या हुआ? इस पर डायरेक्टर ने बताया कि सर्जरी के बाद महिला की मौत हो गयी।

वहीं महिला के एडमिट होने को लेकर पूछे गए सवाल पर डायरेक्टर ने बताया कि लगभग 1 माह पूर्व वह रिम्स में आई थीं। इसपर कोर्ट ने पूछा कि सर्जरी में इतनी देर क्यों हुई ? कोरोना में डॉक्टरों ने काफी अच्छा काम किया, लेकिन इस मामले में अनदेखी की गई, हर जान कीमती होती है। इस मामले की इंटरनल जांच रिपोर्ट डायरेक्टर से एफिडेविट के माध्यम से जमा करने को कहा गया।