रांची। झारखंड की राजधानी रांची के धुर्वा स्थित ऐतिहासिक जगन्नाथपुर मंदिर में 11 जुलाई को नेत्रदान महोत्सव संपन्न हुआ। इस बार भगवान मौसीबाड़ी नहीं जाएंगे। मंदिर के बाहर दर्शन मंडप में महाप्रभु की पूजा अर्चना की शाम के 4 बजे शुरू हुई। अंदर से सेवकों के द्वारा तीनों विग्रहों को दर्शन मंडप में विराजमान किया गया। इसके बाद महाप्रभु की पूजा अर्चना हुई। 108 दीपों वाली मंगल आरती की गई। महाप्रसाद का भोग लगाया गया एवं महाप्रभु के अष्टकम का पाठ किया गया।
जगन्नाथपुर मंदिर के प्रथम सेवक ठाकुर नवीन नाथ शाहदेव ने चवर सेवा करते हुए पूजा संपन्न कराई। इसमें जगन्नाथपुर मंदिर न्यास समिति के नवनियुक्त सदस्यों ने भाग लिया। पूजा अर्चना पुजारी रामेश्वर पाढ़ी, सरयू नाथ मिश्रा एवं अन्य ने कराया। साथ ही, मंदिर में सीमित लोगो ने कोरोना गाइडलाइन का पालन करते हुए वैदिक मंत्रोच्चारण से पूजा संपन्न कराया।
जगन्नाथपुर मंदिर की नवनियुक्त जगन्नाथपुर मंदिर न्यास समिति का गठन होने के बाद पहली बैठक हुई। परिचात्मक बैठक में मंदिर न्यास समिति के सदस्यों ने अपना-अपना परिचय दिया। मंदिर के पुजारियों ने भी अपना परिचय दिया। पुजारियों ने मंदिर की पूजा व्यवस्था को बताया। मंदिर के विकास एवं विधि-विधान पूजा पर चर्चा हुई। कल 12 जुलाई, 2021 को होने वाली रथ यात्रा को सांकेतिक रूप से कराने पर चर्चा हुई। मंदिर न्यास के अध्यक्ष की अध्यक्षता में बैठक हुई। अंतिम में महाप्रभु का प्रसाद और पुष्प लिए।