आदि महोत्सव में आदिवासी शिल्प और मध्य प्रदेश की संस्कृति पर जोर

देश नई दिल्ली
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  • जनजातीय कार्य मंत्री ने किया ऑनलाइन शुभारंभ

नई दिल्‍ली । जनजातीय कार्य मंत्री अर्जुन मुंडा ने 1 दिसंबर को आदि महोत्सव-मध्य प्रदेश के वर्चुअल संस्करण का शुभारम्भ किया। दस दिवसीय महोत्सव की मेजबानी ट्राइब्स इंडिया की वेबसाइट (www.tribesindia.com) पर की जा रही है। इसका मुख्य जोर आदिवासी शिल्प और मध्य प्रदेश की संस्कृति पर है। मध्य प्रदेश सरकार में आदिवासी विकास मंत्री सुश्री मीना सिंह और ट्राइफेड के चेयरमैन रमेश चंद मीणा इस ऑनलाइन शुभारंभ के मुख्य अतिथि थे।

इस अवसर पर श्री मुंडा ने कहा कि आदि महोत्सव-मध्य प्रदेश का वर्चुअल संस्करण आदिवासियों के जीवन और आजीविकाओं के बदलाव में सहायता देने का एक अन्य प्रयास है। महामारी के बावजूद ट्राइफेड योद्धाओं के दल ने इस वार्षिक आदिवासी महोत्सव का आयोजन किया है, जो वर्चुअल रूप में आदिवासी संस्कृति की आत्मा और समृद्धि को उत्सव के रूप में मनाता है। इसे जनजातियों को बड़े बाजारों के साथ जोड़ने की दिशा में उनके प्रयासों के साथ इस साल भी जारी रखा गया है।

श्री मुंडा ने कहा कि आदि महोत्सव एक राष्ट्रीय आदिवासी महोत्सव है। जनजातीय कार्य मंत्रालय, भारत सरकार और भारतीय जनजाति सहकारी विपणन विकास संघ (ट्राइफेड) की एक संयुक्त पहल है। महोत्सव देश की पारम्परिक कला और हस्तशिल्प व सांस्कृतिक विरासत का प्रदर्शन करता है। ट्राइफेड का अंतिम उद्देश्य आदिवासी उत्पादों के विपणन विकास के द्वारा देश में आदिवासी लोगों का सामाजिक-आर्थिक विकास है। ट्राइफेड के एमडी प्रवीर कृष्ण के नेतृत्व में वास्तव में देश में आदिवासी समुदाय के उत्थान की दिशा में शानदार काम किया जा रहा है।

ट्राइफेड के चेयरमैन रमेश चंद मीणा ने आदिवासी कारीगरों को ऐसे व्यवहारिक विकल्प उपलब्ध कराने के लिए ट्राइफेड और उनके दल को बधाई दी। स्वागत भाषण में प्रवीर कृष्ण ने आदि महोत्सव की व्यापक अवधारणा और वर्तमान ऑनलाइन संस्करण तथा इससे कैसे राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय दर्शकों के बीच आदिवासी संस्कृतिक को लोकप्रिय बनाने में मदद मिलेगी आदि के बारे में बात की। ट्राइब्स इंडिया मार्केटप्लेस पर 3,500 से ज्यादा आदिवासी शिल्पकारों को जोड़े जाने के साथ यह वर्चुअल कार्यक्रम आदिवासियों को उनकी संस्कृति और कलाओं को लोकप्रिय बनाने के लिए एक नए अवसर की पेशकश करता है। उन्हें आत्म-निर्भर बनाता है।

वर्चुअल शुभारम्भ की मुख्य बातों में शिल्पकारों के कार्य स्थल का वर्चुअल भ्रमण और मध्य प्रदेश के आदिवासी नृत्य व संगीत की झलक शामिल हैं। यह भी घोषणा की गई कि इस कड़ी में अगला महोत्सव 11 दिसंबर को गुजरात में होगा, जिसके बाद 21 दिसंबर, 2020 से बंगाल में इसकी शुरुआत होगी।

आदिवासी संस्कृति, शिल्पों, व्यंजन और व्यवसाय की आत्मा का जश्न ‘आदि महोत्सव’ एक सफल पहल है, जिसकी शुरुआत वर्ष 2017 में हुई थी। यह महोत्सव देश भर में आदिवासी समुदायों की समृद्ध और विविध शिल्प, संस्कृति से लोगों को एक ही स्थान पर परिचित कराने का प्रयास है। नई दिल्ली में 16 से 30 नवंबर के बीच हुए आयोजित 15 दिवसीय महोत्सव में आदिवासी हस्तशिल्पों, कला, चित्रकारी युक्त कपड़े, आभूषणों की प्रदर्शनी सह बिक्री की व्यवस्था थी। देश भर से आए 400 से ज्यादा आदिवासी शिल्पकारों और निर्माताओं ने अपनी भागीदारी के साथ इस महोत्सव की शोभा बढ़ाई और इसे शानदार प्रतिक्रिया हासिल हुई।

इस साल महामारी के चलते पैदा असामान्य हालात के बावजूद, ट्राइफेड ने ऑनलाइन कार्यक्रम की पहल की है और इसकी मेजबानी ट्राइब्स इंडिया के ई-मार्केटप्लेस (market.tribesindia.com) पर की जाएगी।