मुख्यमंत्री नीतीश का बड़ा फैसला, जो अधिकारी संपत्ति का नहीं देंगे ब्यौरा, उनपर दर्ज होगा मामला

बिहार मुख्य समाचार
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पटना। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भ्रष्टाचार पर नियंत्रण के लिए एक बार फिर से कड़े कदम उठाए हैं।

नीतीश ने साफ- साफ निर्देश दे दिया है कि वैसे सरकारी सेवक जो अपनी संपत्ति का ब्यौरा सार्वजनिक नहीं कर रहे हैं, उन सभी के खिलाफ अनुशासनिक कार्रवाई के साथ अब मामला भी दर्ज किया जायेगा।

दरअसल, सीएम नीतीश ने हमेशा अपने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि राज्य में अपराध, भ्रष्टाचार और सांप्रदायिकता से कोई भी समझौता नहीं होना चाहिए। कई अधिकारियों ने संपत्ति का ब्यौरा सार्वजनिक नहीं किया है, जिसके बाद अब बिहार के मुख्य सचिव त्रिपुरारी शरण ने एक आदेश जारी किया है।

जिसके तहत उन्होंने सभी विभागों के अपर मुख्य सचिव, प्रधान सचिव और पुलिस महानिदेशक को पत्र लिख कर कहा है कि सभी सरकारी कर्मचारियों को दिसंबर 2020 से फरवरी 2021 तक अपनी संपत्तियों से संबंधित जानकारी जल्द से जल्द सरकार को दे देनी है। अगर वे अपनी संपत्ति का ब्यौरा सार्वजनिक नहीं करते हैं, तो उनके खिलाफ अनुशासनिक कार्रवाई के साथ अब मामला भी दर्ज किया जायेगा।

इतना ही नहीं अधिकारियों और कर्मचारियों को खुद या परिवार के किसी सदस्य के नाम से अचल संपत्ति (जमीन, मकान, फ्लैट, गाड़ी) खरीदने के एक महीने के अंदर सरकार को इसकी जानकारी देनी है। सरकारी सेवक को अपने दो महीने के वेतन से अधिक की राशि के समान की खरीद-फरोख्ती की जानकारी भी उसे एक महीने के अंदर सरकार को देनी है।