कोरोना से निपटने में योग की भूमिका अहम, बाजार भी बढ़ा: अरिमर्दन सिंह

झारखंड
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रांची। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के पीआईबी-आरओबी रांची, एफओबी डालटनगंज के संयुक्त तत्वावधान में शनिवार को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की पूर्व संध्या पर ‘बी विथ योगा, बी एट होम-योग के साथ रहें, घर में रहें’ विषय पर वेबिनार का आयोजन किया गया।

वेबिनार की अध्यक्षता करते हुए पीआईबी-आरओबी रांची के अपर महानिदेशक अरिमर्दन सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयासों के जरिए योग को अंतर्राष्ट्रीय पहचान मिली। पहले योग का महत्व साधु-संतों के आश्रमों तक ही सीमित था, पर जैसे-जैसे लोगों को इसके फायदों के बारे में जानकारी मिलने लगी, इसका विकास हुआ।

आज हर कोई योग शब्द से परिचित है और इसे अपना भी रहा है। योग के जरिए मानसिक शांति के साथ-साथ अच्छा स्वास्थ्य भी पाया जा सकता है। इसके द्वारा हम अपनी शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक शक्ति का विकास कर सकते हैं। कोरोना के दौर में योग का महत्व और बाजार दोनों बढ़ा है। यौगिक क्रियाएं धर्म-जाति संप्रदाय से परे हैं, सुखी और निरोगी काया के लिए हमें इसे जीवनशैली में अपनाना चाहिए। कहा भी जाता है कि स्वस्थ शरीर में स्वस्थ मस्तिष्क का वास होता है।

इससे पूर्व वेबिनार के आरंभ में क्षेत्रीय प्रचार अधिकारी गौरव पुष्कर ने कहा कि कोरोना महामारी के कारण इस वर्ष अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के लिए ‘बी विथ योगा, बी एट होम-योग के साथ रहें, घर में रहें’ थीम तय किया गया है। वेबिनार को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित करते हुए योगदा सत्संग सोसाइटी ऑफ इंडिया, रांची के वरिष्ठ सन्यासी स्वामी ईश्वरानंद गिरि ने कहा कि किसी भी काम को श्रद्वा के साथ करना ही योग है।

उन्होंने कहा कि योग दिवस के दिन ही केवल योगाभ्यास न करें, बल्कि इसे अपनी जीवनशैली में अपनाएं। वेबिनार को विशिष्ट अतिथि के रूप में सरला बिरला यूनिवर्सिटी के योगा एंड नैचुरोपैथी विभाग के प्रोग्राम समन्वयक प्रो. कुमार राकेश रोशन पाराशर, विशिष्ट वक्ता के रूप में पतंजलि योग समिति, गढ़वा के विस्तारक सुशील कुमार केशरी आदि ने संबोधित किया।