खूंटी। झारखंड के खूंटी स्थित सिलादोन गांव में दुर्लभ मॉनिटर लिजार्ड अर्थात गोह मिला है। सरीसृप वर्ग का यह दुर्लभ जीव है, जो विषहीन होता है। जागरुकता के अभाव में ग्रामीणों ने उसे पिंजरे में कैद कर रखा है। ग्रामीणों का कहना है कि यह दुर्लभ पशु डायनासोर प्रजाति जैसा लग रहा है।
हालांकि इस संबंध में विनोबाभावे विश्वविद्यालय हजारीबाग से सेवानिवृत्त जन्तु विज्ञान के प्रोफेसर डॉ मो. रजीउद्दीन ने बताया कि इसे कॉमन इंडियन मॉनिटर या बेंगोल मॉनिटर लिजार्ड कहते हैं। यह झारखंड, बिहार, असम, बंगाल, ओडिसा आदि के जंगलों में पानी के करीब पाया जाता है। यह विषहीन होता है। यह दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया की सबसे बड़ी छिपकली है। श्रीलंका और तटीय उत्तर-पूर्व भारत से लेकर इंडो-चीन, मलय प्रायद्वीप और इंडोनेशियाई द्वीपों तक यह पाया जाता है। यह कृषि क्षेत्रों के साथ नहर प्रणाली वाले इलाकों में रहने के अनुकूल बताया जाता है।