सरायकेला-खरसावां। झारखंड के डीजीपी नीरज सिन्हा ने सरायकेला-खरसंवा जिले के घोर नक्सल प्रभावित क्षेत्र में 5 जून को जनता दरबार लगाया। इसमें रायजामा, कंदराकुटी, अरहंगा, ईचाडीह, सुलाईडीह, जनालाम बारीडीह आदि ग्रावं के ग्रामीणों की समस्याएं सुनी। कोविड की शर्त और निर्देशों का पालन करते हुए ग्राम रायजामा में किए जनता दरबार में सोशल डिस्टेंसिंग सुनिश्चित करने के लिए जमीन पर गोल घेरों की मार्किंग करते हुए ग्रामीणों को अलग-अलग बैठाया गया।
ये समस्याएं सुनाई ग्रामीणों ने
जनता दरबार में गोमियाडीह, कुबासल, ईचाडीह, सुलाईडीह, कुचाई, खरसावां आदि ग्रामों में जाने के लिए सड़को की खराब हालत और पुल नहीं होने की समस्या, चिकित्सा एवं शिक्षा की व्यवस्था अपने ग्रामो में नहीं होकर दूर स्थित स्थानों पर होने, पेयजल एवं कृषि के लिए पानी की पर्याप्त व्यवस्था नहीं होने, चेक डैम एवं चापाकल की मांग, मोबाइल नेटवर्क नहीं होने आदि समस्याओं से अवगत कराया गया। इन समस्याओं के समाधान संबंधित विभागों से समन्वय कर शीघ्र कराया जायगा।
ग्रामीणों को धोती-साड़ी भेंट किये
इसके बाद पुलिस के सिविक एक्शन कार्यक्रम के तहत डीजीपी द्वारा आम ग्रामीणों के बीच साडी, धोती, कॉपी एवं कलम का वितरण किया गया। विभिन्न फुटबॉल टीमों को जर्सी, पैंट, फुटबॉल आदि भेंट किए गए। डीजीपी ने घोर नक्सल प्रभावित क्षेत्र में स्थापित पुलिस कैं की सुरक्षा व्यवस्था का निरीक्षण किया। सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक निर्देश दिए।
इन सभी कार्यक्रमों में अपर पुलिस महानिदेशक (विशेष शाखा) मुरारी लाल मीणा, पुलिस महानिरीक्षक (अभियान) अमोल विनुकांत होमकर, पुलिस उपमहानिरीक्षक (सीआरपीएफ) बनर्जी, पुलिस अधीक्षक (सरायकेला-खरसावां) मो अर्शी आदि वरीय पुलिस पदाधिकारी का सहयोग रहा।
सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा की
इसके बाद पुलिस डीजीपी नीरज सिन्हा द्वारा चाईबासा में उपरोक्त वरीय पदाधिकारियों के अलावा पुलिस उपमहानिरीक्षक (कोल्हान) राजीव रंजन, उपायुक्त (पश्चिमी सिंहभूम) अनन्य मित्तल, पुलिस अधीक्षक अजय लिंडा, केंद्रोंय बलों के वरीय पदाधिकारी के साथ सुरक्षा व्यवस्था एवं विधि व्यवस्था के संबंध में समीक्षा की गई। आवश्यक निर्देश दिए गए।