नई दिल्ली। केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा कि केन्द्र सरकार ने प्रौद्योगिकी को प्राथमिक क्षेत्र के रूप में चिन्हित किया है एवं कृषि क्षेत्र में नई डिजिटल तकनीकों का उपयोग करने का प्रावधान किया है।
तोमर ने मंगलवार को एक बयान जारी कर कहा कि कृषि में डिजिटलीकरण के महत्व को स्वीकार करते हुए विभाग एक संघीय किसान डेटाबेस तैयार कर रहा है व इसके आधार पर विभिन्न सेवाओं का सृजन कर रहा है ताकि कृषि के डिजिटल तंत्र का निर्माण किया जा सके। इस डेटाबेस को देशभर के किसानों के भूमि रिकॉर्ड से जोड़ा जाएगा और यूनिक किसान आईडी सृजित की जाएगी।
किसानों के लिए एकीकृत डेटाबेस के तहत केंद्र व राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं के सभी लाभों व सहयोगों की जानकारी इस डेटाबेस में रखी जा सकती है और यह भविष्य में किसानों को लाभ प्रदान करने के लिए जानकारी प्राप्त करने का स्रोत हो सकता है। अभी तक लगभग 5 करोड़ किसानों के विवरणों का डेटाबेस तैयार हो चुका है।
मंत्री ने कहा कि इस कार्य को मूर्त रूप देने के लिए आज कृषि मंत्रालय ने चार संस्थानों पतंजलि ऑर्गेनिक रिसर्च इंस्टीट्यूट, अमेजन वेब सर्विसेज (एडब्ल्यूएस), ईएसआरआई इंडिया प्राइवेट लिमिटेड और एग्रीबाजार इंडिया प्राइवेट लिमिटेड से एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। इन संगठनों के साथ एक वर्ष की अवधि के भीतर आधार के रूप में किसान डेटाबेस का उपयोग करके पायलट परियोजना के लिए एमओयू किया गया है।