दो साल से बंद पड़ा है लाखों से बना उप स्वास्थ्य केंद्र, चालू नहीं होने पर ग्रामीण करेंगे आंदोलन

झारखंड सेहत
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योगेश कुमार पांडेय

गिरिडीह। लाखों की लागत से बनाकर तैयार हुआ उपस्‍वास्‍थ्‍य केंद्र बंद पड़ा है। इससे ग्रामीणों को परेशानी हो रही है। उन्‍होंने इसे शीध्र चालू करने की मांग प्रशासन और स्‍वास्‍थ्‍य विभाग से की है। जल्‍द ही इसे चालू नहीं होने पर आदोलन करने की धमकी दी है।

जानकारी के मुताबिक ग्रामीणों को गांव में ही बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराए जाने को लेकर जिले बिरनी प्रखंड अंतर्गत जनता जरीडीह, खैरीडीह और खरखरी पंचायत के मध्य ग्राम शीतल टोला में उप स्वास्थ्य केंद्र बनाया गया है। अब इसे हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर के नाम से जाना जाता है। अनदेखी के चलते यह केंद्र बेकार पड़ा है। इससे तीनों पंचायत में रहने वाली लगभग 15 से 20 हजार की आबादी परेशान है।

ग्रामीण भुनेश्वर दास, राजू वर्मा, पवन यादव, मुकेश पासवान, अशोक वर्मा, रमेश वर्मा, सुनील दास ने बताया कि हेल्थ एंड बेलनेस सेंटर बने लगभग दो वर्ष से अधिक हो गया है। अभी तक यहां इलाज शुरू नहीं हुआ है। कोई भी डॉक्टर नहीं बैठते हैं। कोई कर्मी नियमित रूप से कभी मौजूद नहीं रहते हैं। अधिकांश दिन केंद्र में ताला लगा रहता है। सिर्फ टीकाकरण के दिन कभी-कभी खुलता है।

केंद्र के बंद रहने से इलाके के ग्रामीणों को स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए परेशानी का सामना करना पड़ता है। प्रखंड और जिला मुख्यालय काफी दूर रहने के कारण ग्रामीणों को मजबूरन लोकल प्रैक्टिसनर की शरण लेनी पड़ती है।

सामाजिक कार्यकर्ता वीरेंद्र प्रसाद वर्मा ने बताया कि इस केंद्र में नियमित रूप से स्वास्थ्य सुविधाए उपलब्ध कराने के लिए कई बार स्थानीय प्रशासन एवं स्वास्थ्य विभाग से आग्रह किया गया। हालांकि अब तक कोई कदम नहीं उठाया गया। इसकी वजह से यह केंद्र महज शोभा की वस्‍तु बनकर रह गया है। इस केंद्र के सौंदर्यीकरण के लिए एसबेस्‍टस लगाया गया है। लगाने के दो दिनों में ही हल्की हवा से टूट गया।

स्‍थानीय लोगों ने कहा कि इससे स्‍पष्‍ट होता है कि संवेदक द्वारा घटिया सामग्री लगाई गई थी। उन्‍होंने प्रशासन एवं स्वास्थ्य विभाग से इसकी जांच करते हुए दोषी संवेदक पर कार्रवाई करने की मांग की है। साथ ही, इस केंद्र में नियमित रूप से स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने की मांग की है। उन्‍होंने कहा कि इस दिशा में सकारात्मक पहल नहीं किये जाने पर वे आंदोलन के लिये बाध्य होंगे।