लुप्‍त हो रहे जल निकाय को खूबसूरत तालाब का रूप दिया टाटा स्‍टील ने

झारखंड
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जमशेदपुर। जमशेदपुर शहर के बारा एरिया में स्थित तालाब के कायाकल्प के साथ टाटा स्टील ने जल संवहनीयता के प्रति अपनी वचनबद्धता को एक बार फिर दोहराया है। सीआरएम बारा तालाब के नाम से लोकप्रिय इस तालाब में एक बड़ा और दो छोटे जल निकाय थे। यह अब वर्षा जल संचयन का एक स्रोत बन गया है। आसपास के क्षेत्र की जैव विविधता में अहम भूमिका निभा रहा है।

कुछ समय से उपेक्षा और देखभाल की कमी के कारण ये जल निकाय तेजी से लुप्त हो रहे थे। टाटा स्टील ने दीर्घकालिक संवहनीयता के प्रति अपनी कटिबद्धता के तहत इन जल निकायों का पुनरूद्धार करने की जिम्मेदारी ली। कंपनी के प्रयास से आलंकारिक डिजाइन के साथ एक जलाशय का निर्माण हुआ और इस प्रकार जल निकायों को एक खूबसूरत तालाब के रूप में कायाकल्प कर दिया गया। फलस्वरूप जलाशय में 82,000 क्यूबिक मीटर वर्षा जल संग्रह हुआ, जिससे प्रदूषण तो कम हुआ। क्षेत्र की जैव विविधता भी बेहतर हुई। इसके अलावा, परियोजना के कार्यान्वयन के बाद क्षेत्र में भूजल स्तर बढ़ गया। 

यहां उल्लेखनीय है कि जल की संवहनीयता के प्रति टाटा स्टील की रणनीतिक कटिबद्धता ने पिछले 10 वर्षों में स्टील सिटी में ताजे पानी की खपत को लगभग 50 प्रतिशत तक कम किया है। जमशेदपुर में जल निकायों का पुनरूद्धार करने की कंपनी की योजनाएं न केवल जल संचयन में मदद करेगी, बल्कि जल प्रदूषण को भी कम करेगी।

सीआरएम बारा तालाब के चारों ओर 5000 से अधिक पौधों के रोपण ने इस क्षेत्र में हरियाली के आच्छादन को बढ़ाया है। जल निकाय व पेड़-पौधे पक्षियों और तितलियों को आकर्षित करते हैं। इस प्रकार, परियोजना क्षेत्र और इसके आसपास जैव विविधता उन्नत हुई है। तालाब में मछलियों की बढ़ती संख्या प्रवासी पक्षियों को भी आकर्षित कर रही है। स्वच्छ और हरित वातावरण न केवल क्षेत्र की सुंदरता और आकर्षण को बढ़ाया है, बल्कि इसने सुकून और शांति-भरे माहौल का सृजन किया है।

परियोजना की सफलता के लिए समुदाय की सहभागिता महत्वपूर्ण थी। उसके अनुसार जल निकायों के कायाकल्प से होने वाले अंतर्निहित फायदों को लेकर स्थानीय जनता को संवेदनशील किया गया। परिणामस्वरूप यह सभी स्टेकहोल्डरों के लिए समान रूप से लाभप्रद सिद्ध हुआ।