कोविड अस्पताल में बदइंतजामी पर नगर परिषद के पूर्व उपाध्यक्ष ने सवाल उठाए

झारखंड
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आनंद कुमार सोनी

लोहरदगा। नगर परिषद के पूर्व उपाध्यक्ष सह सामाजिक कार्यकर्ता बलराम साहू ने लोहरदगा सिविल सर्जन डॉ विजय कुमार को जिले से हटाने की मांग सरकार से की है। उन्‍होंने कहा है कि कोविड संक्रमण काल में जितनी भी बदइंतजामी और परेशानियां स्वास्थ्य विभाग में खड़ी हुई हैं, उनमें ज्यादातर के लिए सिविल सर्जन ही जिम्मेदार हैं। कोविड सदर अस्पताल में मरीजों के लिए जरूरी सुविधाएं होते हुए भी व्यवस्थित नहीं हैं। मरीजों की बिल्कुल भी देखभाल नहीं हो रही है। डॉक्टर विजिट नहीं करते।

साहू ने कहा कि अस्‍पताल में जरूरी दवाएं उपलब्ध नहीं हैं। मरीज आखिरी सांस गिन रहे होते हैं। सिविल सर्जन अपनी जिम्मेदारी से भागकर बिचौलिए किस्म के लोगों से घिरे रहते हैं। इमरजेंसी मेडिकल सुविधा के लिए इनसे संपर्क करना चाहें, तो फोन रिसीव नहीं होता। मैसेज का जवाब नहीं देते, भले ही मरीज की जान चली जाए। ऐसे गैर जिम्मेदार व्यक्ति को पूरे जिले की चिकित्सा व्यवस्था का प्रमुख बनाए रखना और वह भी संकटकाल में बड़ी परेशानियों को न्योता देने की तरह है।

पूर्व उपाध्‍यक्ष ने कहा कि मरीज और उनके परिजनों की शिकायत पर वह सदर अस्पताल गए थे। वहां अव्यवस्था का आलम था। कोई देखने सुनने वाला नहीं है। ना तो मरीजों का इलाज ढंग से हो रहा है, ना ही वैक्सीनेशन अभियान को विभाग गति दे पा रहा है। कई मरीजों की जान सदर अस्पताल में जा चुकी है। उन्हें कोशिश होने पर बचाया जा सकता था। कई मजबूर होकर रांची इलाज के लिए गए। समय पर सही इलाज नहीं मिलने के कारण दम तोड़ दिया। मरीजों को भाग्य भरोसे छोड़ने वाले मेडिकल अफसरों और कर्मियों पर जिम्मेदारी तय हो। दोषियों पर कार्रवाई होनी चाहिए। सिविल सर्जन को बदले बगैर जिले की मेडिकल व्यवस्था नहीं सुधर सकती।