विवेक चौबे
गढ़वा। जिले के कांडी थाना क्षेत्र अंतर्गत भंडरिया गांव के समीप शव लदे एंबुलेंस और उसके कर्मियों को ग्रामीणों के विरोध का सामना करना पड़ा। इसके कारण उन्हें बिना शव का अंतिम संस्कार किये बैरंग लौटना पड़ा।
जानकारी के मुताबिक ग्रामीणों ने देखा कि एक एंबुलेंस (नंबर यूपी 64 क्यू 8009) तेज गति से कोयल नदी की ओर जा रही है। इसके बाद दर्जनों ग्रामीणों ने उसका पीछा किये। वहां जाने पर देखा कि पीपीई किट पहने दो कर्मी एंबुलेंस के पास खड़े हैं। पूछने पर उन्होंने बताया कि एंबुलेंस में एक शव है, जिसे गढ़वा के एक निजी डॉक्टर के यहां से लेकर आ रहे हैं।
ग्रामीणों को आशंका हुई कि शव कोरोना संक्रमित मरीज का हो सकता है, जिसका अंतिम संस्कार करने ये लोग पहुंचे हैं। ग्रामीणों ने इस आशय कि सूचना कांडी प्रखंड विकास पदाधिकारी और थाना प्रभारी को दी। पदाधिकारियों ने शव को गांव के आस-पास फेंकने या जलाने की अनुमति नहीं दी।
इसके बाद कर्मी उक्त एंबुलेंस को लेकर चले गए। बाद में पता चला कि उक्त एंबुलेंस में कांडी थाना क्षेत्र अंतर्गत चेचरिया गांव निवासी 70 वर्षीय पूर्व शिक्षक रामा शंकर उपाध्याय का शव था, जिनकी मृत्यु मंगलवार को इलाज के दौरान गढ़वा में हो गयी थी। वे पिछले दिनों हरिद्वार से कुम्भ स्नान कर वापस लौटे थे। वे मीडिल स्कूल राणाडीह से सेवानिवृत्त हुए थे।