महादलित परिवार की झोपड़ी उजाड़ने का लोगों ने किया प्रयास, प्रशासन ने साधी चुप्‍पी

झारखंड मुख्य समाचार
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विवेक चौबे

गढ़वा। महादलित परिवार की झोपड़ी उजाड़ने का लोगों ने प्रयास किया। घटना घटे सप्‍ताह से अधिक समय बीत जाने के बाद भी प्रशासन ने चुप्‍पी साध रखी है। हादसे के बाद परिवार डरा सहमा है। उक्त परिवार के लोग तपती धूप में किसी तरह जीवन गुजारने को मजबूर हैं।

यह मामला है जिले के कांडी प्रखंड क्षेत्र का है। यहां के हरिगावां मोड़ स्थित एक पहाड़ी पर करीब 15 वर्षों से एक डोम और 10 वर्षों से मुसहर जाति का परिवार रहता है। उन्‍हें हरिगावां गांव के ग्रामीणों ने भगाने का निर्णय लिया। इसी निर्णय के साथ बीते शुक्रवार की सुबह वहां सैकड़ों लोग पहुंचे। शाम 4 बजे तक जगह खाली करने का अल्टीमेटम दे डाला।

जगह खाली नहीं करने पर ग्रामीणों ने उनकी झुगी झोपड़ी को उजाड़ने का प्रयास किया। पीड़िता चंद्रावती देवी ने कहा कि सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण आकर हमारी झोपड़ी उजाड़ दिए। घर के अंदर रखे थाली, लोटा, हड़िया-डेकची सब कुछ बाहर फेंक दिए। वह पूछती है कि‍ हमलोग कहां जाएं। झोपड़ी उजड़ जाने के बाद तपती धूप में बाल बच्चों को लेकर कहां जाएं। हमारा दुख देखने वाला कौन है।

वहीं दुलारी कुवंर मुसहरीन ने बताया कि सभी ने आकर घर उजाड़ कर फेंक दिया। बाल बच्चों के साथ घूम-घूम कर मांगते खाते हैं। झोपड़ी उजड़ने के बाद एक पेड़ के नीचे रहते हैं। उसने कहा कि सरकार हमलोग को घर देने का काम करें।

पीड़ित सुरेंद्र राम डोम ने कहा कि हम सभी सुप दउरी बनाकर बेचने वाले गरीब व्यक्ति हैं। सुकर मुर्गी पालते हैं। वही रोजी रोटी है। जगह जमीन भी नहीं है। हमलोग यह जगह छोड़ कर कहां जाएं। हमारी स्थिति को जानते हुए भी गांव वाले भगा रहे हैं। सकेंद्र राम डोम ने कहा कि गांव वाले भगा रहे हैं तो हमलोग कहां जाएंगे। हमलोग के पास कोई जगह जमीन नहीं है।

बैजनाथ मुसहर की पुत्री आशा कुमारी ने बताया कि घर में हम बच्चे ही थे। माता-पिता की अनुपस्थिति में ग्रामीणों ने हमलोगों का घर उजाड़ दिया। धमकी भी दी कि यहां से जल्द भागो, वरना झोपड़ी में आग लगा देंगे। उसने बताया कि सोने के लिए एक चटाई थी, वह भी गांव के लोग ले गए। इन परिवारों ने सरकार से राशन कार्ड बनाने और आवास देने की मांग की।