चिकित्सकों की अस्पष्ट लिखावट से दवा व्‍यापारी परेशान

झारखंड
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  • एसडीएम के साथ ड्रगिस्ट एवं केमिस्ट एसोसिएशन की हुई बैठक

विश्वजीत कुमार रंजन

गढ़वा। एसडीएम संजय कुमार ने “कॉफी विद एसडीएम” के अंतर्गत बुधवार को ड्रगिस्ट एवं केमिस्ट एसोसिएशन के सदस्यों और स्थानीय दवा व्यापारियों के साथ संवाद किया। इसमें व्यापारियों ने अपने व्यवसाय से जुड़ी समस्याएं, सुझाव और जनहित के मुद्दे विस्तार से रखे।

बैठक में दवा व्यापारियों ने कहा कि वे जीवन-रक्षा से जुड़े पवित्र व्यवसाय से जुड़े हैं, किंतु कई बार औषधि विभाग की अनावश्यक जांच, नयी-नयी गैर लाइसेंसी दुकानें खुलना और चिकित्सकों की अस्पष्ट लिखावट जैसी कई परेशानियां होती है। उन्होंने मांग की कि डॉक्टरों को प्रिंटेड या स्पष्ट अक्षरों में दवा लिखने का निर्देश जारी किया जाए, ताकि मरीजों और विक्रेताओं दोनों को सुविधा हो।

कई व्यापारियों ने आरोप लगाया कि औषधि विभाग के कुछ अधिकारी निरीक्षण के दौरान अनुचित दबाव डालते हैं, जिससे सम्मानजनक व्यापारिक माहौल प्रभावित होता है। गैर-मानक दवाओं की बिक्री और डिस्काउंट के नाम पर भ्रामक विज्ञापन करने वालों पर कड़ी कार्रवाई की मांग भी उठी।

मौके पर रघुवीर प्रसाद कश्यप ने कहा कि कई बार दूरदराज़ क्षेत्रों में जीवनरक्षक परिस्थिति में बिना पर्चा दवा देनी पड़ती है। ऐसे दुर्लभ मामलों में कठोर कार्रवाई नहीं होनी चाहिए। सुरेन्द्र कश्यप ने कहा कि जनऔषधि केंद्रों में सिर्फ़ जनरिक दवाएं रखी जानी चाहिए, किंतु सरकारी अस्पताल स्थित केंद्रों में ब्रांडेड दवाओं की बिक्री की जा रही है। इस पर कार्रवाई हो।

संतोष दुबे ने कहा कि जिले में कुछ अपात्र लोगों को भी मेडिकल स्टोर का लाइसेंस मिल गया है, जिससे नियमपूर्वक दुकान चलाने वाले व्यवसायियों की छवि पर असर पड़ता है। उन्होंने बताया कि गैर-लाइसेंसी दुकानों की संख्या लाइसेंस प्राप्त दुकानों से अधिक है, जिन पर शीघ्र रोक लगाई जानी चाहिए।

एसडीएम संजय कुमार ने कहा कि गैर-लाइसेंसी दुकानों को दवा की आपूर्ति लाइसेंसधारी दुकानदारों द्वारा ही की जाती है। अतः सभी लाइसेंसधारी विक्रेताओं को जागरूक होना होगा कि वे बिना लाइसेंस दुकानों को दवा न बेचें।

मौके पर उपस्थित औषधि निरीक्षक कैलाश मुंडा ने दवा नियंत्रण से संबंधित विधिक प्रावधानों की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने देशभर में चर्चा में रहे कफ सिरप विक्रय नियमों में हाल में हुए बदलावों की जानकारी दी। बताया कि औषधि विभाग पर लगाए गए शोषण के आरोप सही नहीं हैं। विभाग केवल अपने दायित्व का निर्वहन कर रहा है।

बैठक के अंत में एसडीएम संजय कुमार ने कहा कि प्रशासन दवा व्यापारियों की समस्याओं के समाधान के लिए संवेदनशील है। उन्होंने कहा कि चिकित्सकों द्वारा स्पष्ट लिखावट में दवा लिखने, स्थानीय औषधि विभाग की पारदर्शिता बढ़ाने और गैर-मानक दवाओं की बिक्री पर रोक लगाने के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे।

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