एनएसएस समाज निर्माण की एक सशक्त धारा है : खेल निदेशक

झारखंड
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  • रांची विश्वविद्यालय में एनएसएस स्थापना दिवस समारोह का आयोजन
  • एनएसएस में उत्कृष्ट योगदान के लिए 7 कार्यक्रम पदाधिकारी सम्मानित

रांची। रांची विश्वविद्यालय के आर्यभट्ट सभागार में 28 सितंबर, 2025 को राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) स्थापना दिवस का आयोजन अत्यंत उत्साह और गरिमा के साथ किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन एवं एनएसएस लक्ष्य गीत के गायन से हुआ।

मुख्य अतिथि खेल निदेशक शेखर जमुआर ने कहा, ‘राष्ट्रीय सेवा योजना केवल एक संगठन भर नहीं है, बल्कि यह समाज निर्माण की एक सशक्त धारा है। एनएसएस युवाओं के भीतर ना केवल सेवा भावना का विकास करता है, बल्कि उनमें अनुशासन, समर्पण और नेतृत्व क्षमता को भी प्रखर बनाता है। आज के दौर में जब समाज अनेक चुनौतियों से जूझ रहा है, तब एनएसएस स्वयंसेवक ही वह शक्ति हैं जो सकारात्मक बदलाव ला सकते हैं।

खेल निदेशक ने कहा कि झारखंड के युवा आज पूरे देश में अपनी पहचान बना रहे हैं। राष्ट्रीय स्तर पर सम्मान अर्जित कर रहे हैं। यह हमारे राज्य के लिए गर्व का विषय है। एनएसएस का मूल मंत्र ‘सेवा परमो धर्मः’ केवल शब्दों में नहीं, बल्कि जीवन जीने की एक धारा है। एनएसएस से जुड़कर युवा यह सीखते हैं कि सच्ची शिक्षा वही है, जो समाज और राष्ट्र की सेवा में रूपांतरित हो सके।

कार्यक्रम में राष्ट्रपति से पुरस्कार प्राप्त करने वाले दीक्षा कुमारी एवं दिवाकर आनंद का विशेष सम्मान किया गया। दोनों ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि एनएसएस ने उनके जीवन को नई दिशा दी है। उन्हें समाज के प्रति उत्तरदायित्व का गहरा बोध कराया है।

इसके अतिरिक्त एनएसएस में उत्कृष्ट योगदान के लिए 7 कार्यक्रम पदाधिकारियों को सम्मानित किया गया। इनमें डॉ. कुमारी उर्वशी (विशेष सम्मान), डॉ. भारती द्विवेदी, डॉ. पूनम कुल्लू, डॉ. हर्षिता सिन्हा, डॉ. अमित कुमार, डॉ. कंचन मुंडा और डॉ. जय नारायण महतो शामिल हैं।

कई स्वयंसेवकों को सर्वश्रेष्ठता पुरस्कार से नवाजा गया। इनमें उदय शंकर प्रजापति, जितेंद्र कुमार, मोहम्मद अदनान सामी, संकल्प कुमार, आकाश कुमार गिरी, रोशन कुमार, सचिन कुमार, स्मृति रानी, सुष्मिता केरकेट्टा, रिया कुमारी, प्रीति सिंह, खुशी विश्वकर्मा, अंजलि प्रियंका कंडोलना, नाज परवीन, समृद्धि सिंह राजपूत शामिल हैं।

रांची विश्वविद्यालय के उन स्वयंसेवकों को सम्मानित किया गया, जो एनआईसी और अन्य राष्ट्रीय कार्यक्रमों में शामिल हुए। पुरुषोत्तम कुमार, आयशा फातिमा ,नवीन किशोर, सुरभि कुमारी, सुप्रिया कुमारी आदि को सम्मानित किया गया।

रांची विश्वविद्यालय के छात्र कल्‍याण के संकायाध्‍यक्ष डॉ. सुदेश कुमार साहू ने कहा कि एनएसएस छात्रों के व्यक्तित्व विकास और राष्ट्र निर्माण दोनों का माध्यम है। आज जब हम अपने देश को विकसित राष्ट्र बनाने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं, तब आवश्यक है कि हर युवा अपने भीतर यह संकल्प ले कि वे समाज के कमजोर, वंचित और पिछड़े वर्गों तक पहुंचकर उन्हें मुख्यधारा में जोड़ें। एनएसएस इस दिशा में सबसे कारगर माध्यम है।

रांची विश्‍वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. गुरु चरण साहू ने स्वयंसेवकों को अनुशासन और सेवा की भावना का प्रतीक बताया। रांची विमेंस कॉलेज की प्राचार्या डॉ. विनीता सिंह ने कहा कि छात्राओं का राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित होना पूरे विश्वविद्यालय के लिए गौरव की बात है।

डॉ. राजकुमार शर्मा ने एनएसएस की भूमिका को युवा शक्ति को दिशा देने वाला बताया। रांची विश्वविद्यालय के एनएसएस के समन्वयक डॉ. ब्रजेश कुमार ने कार्यक्रम का संचालन करते हुए सभी पदाधिकारियों और स्वयंसेवकों का अभिनंदन किया।

सांस्कृतिक प्रस्तुतियों में रांची विमेंस कॉलेज, निर्मला कॉलेज, जेवीएम श्यामली, इंस्टिट्यूट ऑफ लीगल स्टडीज, शहीद शेख भिखारी कॉलेज, डोरंडा कॉलेज, स्कूल ऑफ योग, संत जेवियर्स कॉलेज, मारवाड़ी कॉलेज, राम लखन सिंह यादव कॉलेज, गोस्सनर कॉलेज के विद्यार्थियों ने अपनी प्रतिभा से कार्यक्रम को गरिमामय बनाया।

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