- तीन दिवसीय प्रदर्शनी का समापन
रांची। ईस्ट टेक 2025 का चौथा संस्करण रांची के खेलगांव स्टेडियम में संपन्न हुआ। 19 से 21 सितंबर तक आयोजित इस तीन दिवसीय आयोजन में भारत की स्वदेशी रक्षा प्रौद्योगिकी में बढ़ती क्षमताओं का प्रदर्शन किया गया। भारतीय सेना की ईस्टर्न कमान ने रक्षा प्रौद्योगिकी प्रदर्शनी का आयोजन किया।
इस प्रदर्शनी में भारतीय रक्षा तंत्र के विभिन्न क्षेत्रों से अभूतपूर्व भागीदारी देखने को मिली, जिसमें रक्षा सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रम, डीआरडीओ, एमएसएमई, निजी उद्योग और स्टार्ट-अप्स शामिल रहे। सभी ने ‘आत्मनिर्भर भारत’ और ‘रक्षा आत्मनिर्भरता के साझा लक्ष्य के अंतर्गत अपनी भागीदारी दर्ज कराई।
सोसाइटी ऑफ़ इंडियन डिफेंस मैन्युफैक्चरर्स और कॉन्फेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री के सहयोग से आयोजित इस कार्यक्रम ने भारतीय सेना की बदलती आवश्यकताओं के अनुरूप अत्याधुनिक समाधानों को प्रदर्शित करने का एक सशक्त मंच प्रदान किया।
इस कार्यक्रम का उद्घाटन झारखंड के राज्यपाल संतोष गंगवार, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान, पीवीएसएम, यूवाईएसएम, एवीएसएम, एसएम, वीएसएम, ईस्टर्न कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ लेफ्टिनेंट जनरल आर.सी. तिवारी, यूवाईएसएम, एवीएसएम, एसएम, ईस्टर्न एयर कमान के एयर मार्शल सुरत सिंह, एवीएसएम, वीएम, वीएसएम और सैन्य नेतृत्व अर्धसैनिक बलों एवं झारखंड राज्य के वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों की गरिमामयी उपस्थिति में हुआ।
प्रदर्शनी में उन्नत संचार प्रणाली, गतिशीलता और लॉजिस्टिक्स समाधान, बख्तरबंद सुरक्षा और जीवंतता मंच, कृत्रिम बुद्धिमत्ता आधारित युद्ध प्रणाली, ड्रोन और काउंटर-ड्रोन तकनीक, रोबोटिक्स और स्वायत्त प्रणाली तथा नई पीढ़ी के अग्नि-शक्ति समाधानों जैसी विविध तकनीकों का प्रदर्शन किया गया। इन प्रदर्शनों ने प्रदर्शित समाधानों की व्यावहारिक उपयोगिता को रेखांकित किया और वास्तविक परिस्थितियों में उपयोगकर्ताओं को मूल्यवान अनुभव प्रदान किया।
अपने भ्रमण के दौरान रक्षा राज्य मंत्री ने रक्षा विनिर्माताओं, एआईडीएमके, सीआईआई और नागरिक प्रशासन की समन्वित भूमिका की सराहना की। प्रमुख आयोजकों और उद्योग सहयोगियों को स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया।
21 सितंबर को आयोजित समापन समारोह में ब्रहमास्त्र कोर के जनरल ऑफिसर कमांडिंग लेफ्टिनेंट जनरल यशपाल सिंह अहलावत, एवीएसएम, वाईएसएम, एसएम ने दीक्षांत भाषण दिया। रक्षा राज्य मंत्री ने विशेष संबोधन किया। इस अवसर पर विविध सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए। स्थानीय जनसमुदाय, विद्यालयों के छात्र एवं एनसीसी कैडेट्स ने भी बड़ी संख्या में भाग लिया।
ईस्ट टेक 2025 ने रक्षा-उद्योग-सैन्य सहयोग के एक आदर्श आयोजन के रूप में स्वयं को स्थापित किया है, जिससे वास्तविक उपयोगकर्ताओं से डेवलपर्स तक सीधे फीडबैक प्राप्त हुआ, क्षेत्र विशेष की आवश्यकताओं के अनुरूप समाधान पहचाने गए। अनुसंधान एवं विकास तथा क्षेत्रीय परीक्षण में भविष्य के सहयोग का मार्ग प्रशस्त हुआ। यह सब “विकसित भारत” की दृष्टि को साकार करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
प्रदर्शनी में न केवल व्यावसायिक और अत्याधुनिक नवाचारों को प्रदर्शित किया गया बल्कि कई स्वदेशी रूप से विकसित प्रणालियों को भी पहली बार सार्वजनिक रूप से प्रदर्शित किया गया। इस आयोजन ने एक तकनीकी रूप से सशक्त और आत्मनिर्भर भविष्य की नींव रखी जो भारत को रक्षा नवाचार का वैश्विक केंद्र बनाने की राष्ट्रीय दृष्टि से पूर्णतः सामंजस्य रखती है।
अपनी सफल परिणति के साथ ईस्ट टेक 2025 ने भारत की रक्षा क्षमता को प्रदर्शित करने के साथ-साथ आधुनिक युद्ध की आवश्यकताओं के अनुरूप ढलने में ईस्टर्न कमान की रणनीतिक दूरदर्शिता को भी पुनः स्थापित किया है।


