- भारत अब रक्षा के क्षेत्र में किसी पर आश्रित नहीं : राज्यपाल
- रक्षा क्षेत्र को आत्मनिर्भर बनाने राज्य करेगा सहयोग : सीएम
रांची। रक्षा प्रौद्योगिकी प्रदर्शनी ‘ईस्ट टेक 2025’ का शुभारंभ रांची के खेलगांव स्थित वीर टाना भगत इंडोर स्टेडियम परिसर में 19 सितंबर को हुआ। इसके उद्घाटन समारोह में झारखंड के राज्यपाल संतोष गंगवार, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान, पूर्वी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ लेफ्टिनेंट जनरल आरसी तिवारी और पूर्वी वायु कमान के एयर ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ एयर मार्शल सुरत सिंह ने भाग लिया। समारोह में सैन्य नेतृत्व के साथ-साथ सिविल प्रशासन, अर्धसैनिक बलों और रक्षा उद्योग से आए प्रतिष्ठित अधिकारियों ने भी उपस्थिति दर्ज कराई।
पूर्वी कमान और सोसाइटी ऑफ इंडियन डिफेंस मैन्युफैक्चरर्स द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित यह प्रदर्शनी अत्याधुनिक स्वदेशी प्रौद्योगिकियों के प्रदर्शन एवं एकीकरण का एक महत्वपूर्ण मंच है। इसका उद्देश्य पूर्वी थिएटर और भारतीय सेना के विभिन्न अभियानों से जुड़ी चुनौतियों को पार करना है।
इस प्रदर्शनी में संचार प्रणालियां, सामरिक गतिशीलता समाधान, सुरक्षा एवं सरवाइवल उपकरण, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित प्रणालियां, ड्रोन और काउंटर-ड्रोन तकनीक, रोबोटिक्स व उन्नत अग्निशक्ति प्लेटफॉर्म जैसे प्रमुख क्षेत्रों की नवाचार क्षमता को प्रदर्शित किया गया है। ये क्षेत्र पूर्वी कमान के ‘रक्षा आत्मनिर्भरता’ और स्वदेशी क्षमताओं के विकास के प्रति फोकस को दर्शाते हैं।
कार्यक्रम का आरंभ उद्घाटन समारोह से हुआ। इसके बाद राज्यपाल संतोष गंगवार, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान, लेफ्टिनेंट जनरल आरसी तिवारी और अध्यक्ष (एसआईडीएम) आर.एस. भाटिया ने अपने विचार रखें। इन संबोधनों में स्वदेशीकरण और भारतीय रक्षा उद्योग के साथ सहयोगी अनुसंधान एवं विकास के रणनीतिक महत्व पर बल दिया गया।
राज्यपाल ने कहा कि ईस्ट टेक-2025 केवल हथियारों और तकनीक का प्रदर्शन नहीं, बल्कि भारत की बदलती सोच एवं आत्मविश्वास का प्रतीक है। यह प्रदर्शनी हमें यह संदेश देती है कि भारत अब रक्षा के क्षेत्र में किसी पर आश्रित नहीं, बल्कि आत्मनिर्भर और आत्मविश्वासी राष्ट्र है।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड ने देश को बहुत कुछ दिया है। इस राज्य में डिफेंस सेक्टर से जुड़े उद्योग क्षेत्र के विस्तार की भी प्रबल संभावनाएं हैं। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार रक्षा क्षेत्र को आत्मनिर्भर बनाने के लिए केंद्र के साथ पूरा सहयोग करने के लिए प्रतिबद्ध है।
इस प्रदर्शनी में 200 से अधिक प्रदर्शक शामिल हैं। इनमें एमएसएमई, डीपीएसयू, डीआरडीओ प्रयोगशालाएं, निजी रक्षा कंपनियां और देशभर के स्टार्ट-अप्स शामिल हैं। इन संस्थानों ने अपने नवीनतम नवाचारों और तकनीकों को प्रदर्शित करने के लिए स्टॉल लगाए हैं।
व्यावसायिक रूप से उपलब्ध और अत्याधुनिक समाधानों के प्रदर्शन के माध्यम से ईस्ट टेक-2025 सहभागी हितधारकों के ज्ञान को समृद्ध करेगा। यह आयोजन फील्ड डिप्लॉयमेंट के लिए उपयुक्त तकनीकों की पहचान, खरीद एवं रखरखाव प्रक्रियाओं के सरलीकरण तथा भारतीय सेना के लिए एक टिकाऊ और आत्मनिर्भर रक्षा पारिस्थितिकी तंत्र के निर्माण को बढ़ावा देने की दिशा में अहम भूमिका निभाएगा।
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