रांची। सीआईपी ने राष्ट्रीय कर्मयोगी वृहद जन सेवा कार्यक्रम के अंतर्गत 20 से 22 अगस्त, 2025 तक मास्टर प्रशिक्षक प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया। इसका उद्देश्य सीआईपी के भीतर आंतरिक क्षमता निर्माण और प्रमाणित कर्मयोगी प्रशिक्षकों का विकास करना था, ताकि संस्थान के कर्मियों, हितधारकों और विकसित भारत में सतत योगदान सुनिश्चित हो सके।
इस अवसर पर सीआईपी के निदेशक डॉ. विजय कुमार चौधरी ने कहा कि यह प्रशिक्षण अधिकारियों और कर्मचारियों के भीतर आंतरिक सोच एवं सेवाभाव को समाहित करने का एक सशक्त अवसर है।

प्रशिक्षण सत्रों का संचालन प्रतिष्ठित प्रमुख प्रशिक्षकों डॉ. प्रमोद कुमार मांझी (नोडल अधिकारी, मिशन कर्मयोगी एवं विभागाध्यक्ष, फार्माकोलॉजी, एम्स, पटना), डॉ. अयान बनर्जी (संकाय सदस्य, जैव रसायन) द्वारा किया गया।
संकाय सदस्यों, चिकित्सा अधिकारियों, नर्सिंग अधिकारियों और कार्यालय कर्मचारियों सहित 29 प्रतिभागियों ने इस कार्यक्रम को सफलतापूर्वक पूरा किया। उन्हें भारत सरकार के क्षमता निर्माण आयोग द्वारा प्रमाणित मास्टर प्रशिक्षक के रूप में शामिल किया गया।
ये प्रशिक्षक भविष्य में सीआईपी और अन्य संस्थानों के संकाय एवं कर्मचारियों के लिए राष्ट्रीय कर्मयोगी प्रशिक्षण के आगामी बैचों का मार्गदर्शन व संचालन करेंगे, जिससे मिशन कर्मयोगी के तहत क्षमता निर्माण का संस्थागतकरण सुनिश्चित होगा।
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