
पलामू। रा०म० विद्यालय, हुसैनाबाद के परिसर में रामचरित मानस के रचयिता गोस्वामी तुलसीदास एवं उपन्यास सम्राट मुंशी प्रेमचंद की जीवनी के बारे में 31 जुलाई को बताया गया। नियमित प्रार्थना, राष्ट्रगान, संविधान की प्रस्तावना, सफाई के लिए संकल्प, जेसीईआरटी से मिला न्यूज+क्विज बताने के बाद इसकी जानकारी दी गई।
बताया गया कि आज सावन माह शुक्ल पक्ष सप्तमी तिथि है। इसी तिथि को संत तुलसीदास का जन्म हुआ था, ना कि 31 जुलाई को। यह महज संयोग है कि अंग्रेजी तिथि एवं हिन्दी माह एक साथ है।
इनका जन्म 1511 ईस्वी को उत्तर प्रदेश के बांदा जिले के राजापुर गांव में हुआ था। बचपन का नाम रामबोला, माता का नाम हुलसी देवी और पिता का नाम आत्मा राम दूबे था। बचपन में ही माता-पिता का निधन हो गया था। लालन-पालन एक दासी ने किया। वेदों, पुराणों और शास्त्रों का ज्ञान प्राप्त किया।
प्रभु राम के अनन्य भक्त थे। इनके द्वारा रचित रामचरित मानस हर हिन्दुओं के घर में विद्यमान है। रामकथा अवधी भाषा में वर्णन है। 16वीं शताब्दी के एक महान कवि और भक्त थे। वे हनुमान चालीसा के भी रचयिता हैं।
वहीं, हिन्दी और उर्दू साहित्य के महानतम लेखकों में एक प्रेमचंद का जन्म 31 जुलाई, 1880 को वाराणसी के पास लमही गांव में हुआ था। इनका वास्तविक नाम धनपत राय था। अपने लेखन में सामाजिक यथार्थ को उभारा। यही कारण है कि उनकी रचनाएं आज भी प्रासंगिक हैं।
इनकी रचनाओं में गोदान, गबन, रंगभूमि, सेवासदन, कफन, ईदगाह उल्लेखनीय है। उन्होंने, हंस और जागरण जैसी पत्रिकाओं का संपादन भी किया। हम द्वय आदर्श महापुरुषों की जीवनी से सीख लें। उनके बताये मार्गचिन्हों पर चलने का प्रयास करें। यही सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
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