
- बीआईटी मेसरा की शोध में खुलासा
रांची। राग भैरवी की मंद बांसुरी ध्वनि (15डीबी) दर्द को कम करने में सक्षम है। इसका खुलासा बीआईटी मेसरा की शोध में हुआ है। भारतीय शास्त्रीय संगीत और आधुनिक विज्ञान के संगम को लेकर बीआईटी, मेसरा के कलाकार, संगीतकार और शिक्षाविद् प्रो. मृणाल कुमार पाठक के नेतृत्व में शोध हुआ।
शोध में यह प्रमाणित हुआ कि राग भैरवी की मंद बांसुरी ध्वनि (15dB) दर्द को कम करने में सक्षम है। उनका शोधपत्र प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय शोध पत्रिका “करेंट साइकियाट्री रिसर्च एंड रिव्यूज” में प्रकाशित हुआ है।
इस अनुसंधान में यह सिद्ध किया गया है कि जब स्विस एल्बिनो चूहों को राग भैरवी (15डीबी पर बांसुरी) सुनाई गई, तो उनके मस्तिष्क में बीटा-एंडोर्फिन का स्राव बढ़ा। हाइपोथैलेमस-पिट्यूटरी-अधिवृक्क अक्ष सक्रिय हुआ, जिससे दर्द में उल्लेखनीय कमी आई।
प्रो. मृणाल पाठक ने इस शोध को ना केवल वैज्ञानिक दृष्टिकोण से आगे बढ़ाया, बल्कि उसमें सांस्कृतिक और कलात्मक गहराई भी जोड़ी। यह शोध उनकी दूरदर्शी सोच और अंतरविषयक नेतृत्व क्षमता का परिचायक है।
उनके सहयोगी, पूर्व प्रो. शक्ति पटनायक (फार्मेसी विभाग, बीआईटी मेसरा) ने इस परियोजना में जैव-रसायन और औषध विज्ञान के दृष्टिकोण से बहुमूल्य योगदान दिया। प्रो पटनायक वर्तमान में संयुक्त राज्य अमेरिका में शोधरत हैं।
यह शोध भारत की संगीत चिकित्सा परंपरा को वैज्ञानिक रूप से स्थापित करता है। दिखाता है कि भारतीय सांस्कृतिक ज्ञान, आज की चिकित्सा और मनोविज्ञान में भी कितना प्रासंगिक और प्रभावशाली हो सकता है।
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