भाजपा ने सरना धर्म कोड पर जताई चिंता, झामुमो-कांग्रेस पर लगाए गंभीर आरोप

झारखंड राजनीति
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आशीष कुमार वर्मा

चाईबासा। भारतीय जनता पार्टी ने सरना धर्म कोड पर चिंता जताई। झामुमो-कांग्रेस पर गंभीर आरोप लगाए। सोमवार को कैफेटेरिया में इस मुद्दे पर भाजपा जिला अध्यक्ष संजय पांडे, प्रदेश प्रवक्ता जे.बी. तुबिद ने मीडिया से बात की। इसमें वर्तमान राजनीतिक परिदृश्य, आदिवासी समाज की समस्याओं और राज्य सरकार की नीतियों पर भाजपा की स्थिति को स्पष्ट किया गया।

जे.बी. तुबिद ने सरना धर्म कोड को लेकर झारखंड की राजनीति में हो रही गतिविधियों पर गहरी चिंता जताई। उन्होंने कहा कि जनजातीय समुदायों की विविध धार्मिक और सांस्कृतिक मान्यताओं को नजरअंदाज कर कोई एकपक्षीय धर्म कोड लागू करना खतरनाक हो सकता है। उन्होंने इस विषय पर व्यापक विमर्श की आवश्यकता बताते हुए कहा कि इसे राजनीतिक लाभ के लिए इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए।

प्रदेश प्रवक्ता ने झारखंड मुक्ति मोर्चा और कांग्रेस पर आदिवासी समाज की भावनाओं के साथ खिलवाड़ करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि पिछले पांच वर्षों के शासन के बाद भी राज्य सरकार स्थानीय नीति लागू नहीं कर सकी, जिससे राज्य के युवाओं को नौकरियों में अवसर नहीं मिल रहे हैं और बाहरी लोगों को लाभ हो रहा है।

राज्य की शराब नीति पर भी श्री तुबिद ने निशाना साधते हुए कहा कि सरकार आदिवासी क्षेत्रों में शराब नियंत्रण की बात करती है लेकिन ‘पर्यटन’ के नाम पर गाँव-गाँव में शराब बिक्री को बढ़ावा दे रही है, जो जनविरोधी और आदिवासी समाज की संस्कृति के खिलाफ है।

इच्छा-खरकई डैम योजना का मुद्दा उठाते हुए उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने सत्ता में आते ही इस परियोजना को बंद करने की बात कही थी, लेकिन अब इसके निर्माण को लेकर फिर से बैठकें हो रही हैं, जो सरकार की कथनी और करनी में अंतर को दर्शाता है।

श्री तुबिद ने कहा कि भाजपा आदिवासी समाज की प्रकृति पूजा परंपरा की सुरक्षा और संवर्धन के लिए हमेशा से प्रतिबद्ध रही है। उन्होंने ‘वनवासी कल्याण आश्रम’ की भूमिका को रेखांकित करते हुए कहा कि यह संस्था वर्षों से धर्मांतरण के खिलाफ संघर्षरत है और आदिवासी समाज की सांस्कृतिक पहचान को सुरक्षित रखने में सक्रिय भूमिका निभा रही है।

उन्होंने केंद्र सरकार द्वारा जनजातीय समुदायों के हित में किए गए कार्यों का उल्लेख करते हुए बताया कि भाजपा सरकार ने झारखंड राज्य का गठन किया, जनजातीय मंत्रालय की स्थापना की, बिरसा मुंडा जयंती को ‘जनजातीय गौरव दिवस’ के रूप में मनाने की पहल की और ‘प्रधानमंत्री जन मन योजना’ जैसी योजनाएं शुरू कीं। उन्होंने कहा कि वन अधिकार अधिनियम को सशक्त बनाते हुए ‘पीएम जनजातीय विशेष सहायता कार्यक्रम’ के जरिए स्वास्थ्य, पोषण और आवास पर विशेष ध्यान दिया गया है।

भाजपा ने कहा कि पार्टी आदिवासी समुदाय की सांस्कृतिक अस्मिता और सतत विकास के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। सरना धर्म कोड जैसे संवेदनशील विषयों पर गहराई से विचार कर ही कोई निर्णय लिया जाना चाहिए, ताकि जनजातीय समाज के हित सुरक्षित रहें। उनका राजनीतिक दोहन नहीं हो।

मौके पर भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष बड़कुंवर गागराई, पूर्व जिला अध्यक्ष सतीश पुरी, जिला परिषद सदस्य राजश्री बांद्रा, जिला मीडिया प्रभारी जितेंद्र नाथ ओझा समेत कई पार्टी पदाधिकारी उपस्थित थे।

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