सोशल मीडिया और OTT की मनमानी पर सरकार सख्त, नई गाइडलाइंस जारी

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  • 24 घंटे में हटानी होगी आपत्तिजनक पोस्ट
  • करनी होगी कार्रवाई और देनी होगी जानकारी

नई दिल्ली। ओटीटी और सोशल मीडिया का दुरुपयोग बढ़ता जा रहा है। इसे लेकर केंद्र सरकार सख्त हो गई है। इस पर नई गाइडलाइंस बनाई है। इसे जारी किया गया है। इसके अनुसार आपत्तिजनक पोस्ट 24 घंटे में हटानी होगी। इसपर कार्रवाई करने के साथ जानकारी भी देनी होगी।

केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि सोशल मीडिया का करोड़ों लोग इस्तेमाल करते हैं। इसलिए इसके दुरुपयोग को रोकना जरूरी है। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया के लिए जो कानून बना है, उसे 3 महीने में लागू कर दिया जाएगा। 3 स्तरों पर इसकी निगरानी की जाएगी।

ये है गाइडलाइंस

सरकार ने आईटी डिजिटल मीडिया ऐथिक्स कोड के दिशानिर्देश जारी किए। सरकार ने कहा कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का भारत में कारोबार करने के लिए स्वागत है, लेकिन उन्हें भारत का संविधान और कानून मानना होगा।

ओटीटी और डिजिटल मीडिया के लिए रजिस्ट्रेशन और डिसक्लेमर की जानकारी देना अनिवार्य।

पोस्ट हटाने पर यूजर को सूचना देगी होगी। साथ ही कंपनियों को बताना होगा कि क्यों हटाई गई।

सोशल मीडिया को भी मीडिया की तरह ही नियमों का पालन करना होगा। तीन महीने में सोशल मीडिया के नियम लागू होंगे।

सोशल मीडिया को यूजर्स के अकाउंट का वेरिफिकेशन कैसे किया जाए, इस बात का प्रबंध करना होगा।

हर शिकायत, कार्रवाई पर रिपोर्ट देनी होगी। सबसे पहले पोस्ट डालने वाले की जानकारी देनी होगी।

24 घंटे के अंदर आपत्तिजनक पोस्ट को हटाना होगा।

चीफ कंप्लेन अधिकारी की नियुक्ति होगी। नोडल अधिकारी की नियुक्ति भी करनी होगी।

आपत्तिजनक कंटेंट को सबसे पहले किसने पोस्ट या शेयर किया, इसकी जानकारी सरकार या कोर्ट द्वारा मांगे जाने पर देनी होगी।

केंद्र सरकार के नोटिस के 72 घंटे के अंदर उस पर कार्रवाई करनी होगी।

टेक कंपनियों को शिकायत अधिकारी की नियुक्ति करनी होगी।

कानूनी एजेंसियों से तालमेल के लिए एक नोडल अधिकारी की नियुक्ति करनी होगी।

हर छह महीने में शिकायतों और उन पर की गई कार्रवाई की रिपोर्ट देनी होगी।
कंटेट कहां से शुरू हुआ यह बताना पड़ेगा। फर्स्ट ओरिजिनेटर बताना पड़ेगा कि खुराफात कहां से शुरू हुई।

भारत की संप्रभुता, कानून व्यवस्था, हिंसा आदि के बारे में पहले ट्वीट किसने किया, ऐसे अपराध जिनकी सजा पांच साल से अधिक है उनमें बताना पड़ेगा। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को स्वैच्छकि वेरिफिकेशन यूजर का ऑप्शन देना होगा।

अगर किसी यूजर का कंटेट हटाया जा रहा है या उसकी ऐक्सिस रोकी जा रही है तो उसे बताना पड़ेगा कि ऐसा क्यों हुआ।