- सीसीएल, बीएवीपी और डीएएसएस में समझौता
रांची। झारखंड की जनता को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करने की दिशा में सीसीएल ने एक कदम उठाया है। रांची के कांके में 200 बिस्तरों वाले सुपर स्पेशलिटी अस्पताल की स्थापना के लिए सीसीएल, बाबासाहेब अंबेडकर वैद्यकीय प्रतिष्ठान (बीएवीपी) और धन्वंतरी आरोग्य सेवा संस्थान (डीएएसएस) के बीच त्रिपक्षीय समझौता हुआ। यह समझौता सीसीएल मुख्यालय में आयोजित एक समारोह में हुआ। सीसीएल के अध्यक्ष-सह-प्रबंध निदेशक नीलेन्दु कुमार सिंह की उपस्थिति में यह समझौता हुआ।
मील का पत्थर साबित होगा
इस अवसर पर सीएमडी ने कहा कि सीसीएल का उद्देश्य सिर्फ कोयला उत्पादन नहीं, बल्कि लोगों के जीवन स्तर को ऊंचा उठाना भी है। यह सुपर स्पेशलिटी अस्पताल इस दिशा में मील का पत्थर साबित होगा। यह परियोजना झारखंड के हर वर्ग को सुलभ और किफायती स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करेगी।
निदेशक सहित ये मौजूद
इस अवसर पर सीसीएल के निदेशक (वित्त) पवन कुमार मिश्रा, निदेशक (कार्मिक) हर्ष नाथ मिश्र, बीएवीपी और डीएएसएस के वरिष्ठ प्रतिनिधि और सेवांकुर भारत की टीम के डॉक्टरों उपस्थित रहे। मौके पर ए.सी. मोहंता, डॉ. रत्नेश जैन, आर.आर. सिंह, पी.के. साहू और अमित प्रकाश एवं अन्य उपस्थित थे।
बीएवीपी और डीएएसएस का सहयोग
बाबासाहेब अंबेडकर वैद्यकीय प्रतिष्ठान (बीएवीपी) और धन्वंतरी आरोग्य सेवा संस्थान (डीएएसएस) के सहयोग से यह अस्पताल स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में एक नई मिसाल कायम करेगा। बीएवीपी, महाराष्ट्र के संभाजीनगर में स्थित एक गैर-लाभकारी संगठन है, जो अपनी सामाजिक और चिकित्सा सेवा पहलों के लिए प्रसिद्ध है।
अस्पताल की प्रमुख विशेषताएं
- 200 बिस्तरों की क्षमता वाला अत्याधुनिक सुपर स्पेशलिटी अस्पताल
- कार्डियोलॉजी, पल्मोनोलॉजी और न्यूरोलॉजी में विशेषज्ञ सेवाएं
- किफायती दरों पर जनता के लिए सुलभ चिकित्सा सुविधाएं
- नवीनतम तकनीक और उपकरणों से सुसज्जित स्वास्थ्य सेवा केंद्र
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