बीआईटी में अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन 5 दिसंबर से, इन विषयों पर होगी चर्चा

झारखंड
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रांची। बीआईटी मेसरा के बायो इंजीनियरिंग विभाग 5 से 7 दिसंबर, 2024 तक अंतरराष्‍ट्रीय सम्‍मेलन आयोजित कर रहा है। इसका विषय ‘इमर्जिंग ट्रेंड्स इन ट्रांसलेशनल बायोइन्फॉर्मेटिक्स’ है। इसमें बायोइन्फॉर्मेटिक्स, रोग जीवविज्ञान और कंप्यूटेशनल तकनीकों के क्षेत्र में नवीनतम प्रगति और नवाचारों पर चर्चा होगी।

इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि जेसी बोस नेशनल फेलो और निदेशक (एनसीबीएस, बेंगलुरु) प्रो. एल.एस. शशिधर रहेंगे। विशि‍ष्‍ट अतिथि निदेशक और बायोकॉन चेयर (आईबीएबी, बेंगलुरु) प्रो. डी. सुंदर होंगे।

सम्मेलन को एसईआरबी, डीबीटी, सीएसआईआर, एनएएसआई जैसी सरकारी एजेंसियों और एसकॉनट व ईज़ीडाइनर जैसे उद्योग भागीदारों का समर्थन प्राप्त है।

इस अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में ट्रांसलेशनल बायोइन्फॉर्मेटिक्स के उभरते रुझानों और संभावना ओंर गहन चर्चा, तकनीकी कार्यशालाओं एवं प्रेरक व्याख्यानों की श्रृंखला आयोजित की जाएगी।

सम्मेलन के अध्यक्ष और बायो इंजीनियरिंग और बायोटेक्नोलॉजी विभाग के अध्यक्ष प्रो. कुनाल मुखोपाध्याय ने बताया कि पहले दिन 5 दिसंबर को एआई-एमएल और बिग डेटा का रोग जीवविज्ञान में अनुप्रयोग, दूसरे दिन 6 दिसंबर को आणविक मॉडलिंग और संरचनात्मक बायोइन्फॉर्मेटिक्स में भविष्य की संभावना व तीसरे दिन 7 दिसंबर को जटिलताओं का विश्लेषण : सिस्टम बायोलॉजी और मैथमेटिकल बायोलॉजी पर चर्चा होगी।

सम्मेलन में दुनिया भर के प्रतिष्ठित वक्ता और विशेषज्ञ भाग लेंगे, जो बायोइन्फॉर्मेटिक्स और इसके अनुप्रयोगों में नए दृष्टिकोण साझा करेंगे। सम्मेलन में फ्रांस, जर्मनी और सिंगापुर सहित विभिन्न देशों से शोधकर्ता, शिक्षाविद, और विद्वान शामिल होंगे। 200 से अधिक पोस्ट डॉक्टोरल फेलो के भाग लेने की उम्मीद है। बीआईटी मेसरा के कुलपति प्रो. इंद्रनील मन्ना आयोजन का नेतृत्व करेंगे।

प्रो कुनाल मुखोपाध्याय ने कहा कि  झारखंड में यह अपनी तरह का पहला अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन है। यह एआई, मशीन लर्निंग और अन्य बायोइन्फॉर्मेटिक्स तकनीकों के माध्यम से विविध अनुप्रयोगों पर मूल्यवान अंतर्दृष्टि प्रदान करेगा, जो मानवता को कई तरीकों से लाभान्वित करेगा।

विभाग के सहायक प्रोफेसर डॉ. आलोक जैन सम्मेलन के संयोजक हैं। उन्होंने कहा कि यह पैनल चर्चा अत्याधुनिक तकनीकों और उनके नवाचार एवं खोज को बढ़ावा देने की क्षमता पर केंद्रित होगी, जो भारत के अनुसंधान परिदृश्य को नया रूप दे सकती है। यह सम्मेलन समाज पर सार्थक प्रभाव डालने और जिज्ञासु युवा मन को प्रेरित करने का लक्ष्य रखता है।

प्रो. राजू पोद्दार और डॉ. कोएल मुखर्जी आयोजन सचिव हैं। सहायक प्रोफेसर डॉ. आलोक जैन सम्मेलन के संयोजक हैं। उन्‍होंने कहा कि यह सम्मेलन झारखंड में शोध और नवाचार के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा।

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