बिशुनपुर में धूमधाम से मनाई गई जतरा टाना भगत की जयंती

झारखंड
Spread the love

  • हज़ारों की संख्या में पहुंचे राज्यभर के टाना भगत व उनके अनुयायी

गुमला। बिशुनपुर के चिंगरी में छोटानागपुर के वीर स्वतंत्रता सेनानी व टाना आंदोलन के प्रणेता बाबा जतरा टाना भगत की जयंती 28 सितंबर को मनाई गई। हज़ारों की संख्या में राज्य भर से उनके अनुयायी पारंपरिक वेश-भूषा में एक दिन  पहले ही चिंगरी पहुंच गए थे। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि जतरा टाना भगत के परपौत्र विश्वा टाना भगत एवं विशिष्ट अतिथि जतरा गुरु के गुरु तुरिया उरांव के परपौत्र जौरा टाना भगत थे।

टाना भगत का इतिहास 100 साल से भी पुराना है। उन्होंने एक शताब्दी पहले ही तिरंगा को अपना धर्म मान लिया था। महात्मा गांधी के सच्चे अनुयायी बन गए। स्वतंत्रता के आंदोलन में अंग्रेजों के खिलाफ टाना भगत की लड़ाई सराहनीय है। अंहिसा के पुजारी इस समुदाय ने अपने आंदोलन से ब्रिटिश शासन को छोटानागपुर की धरती छोड़ने पर मजबूर कर दिया। जहां एक ओर देश में क्रांतिकारी आंदोलन जारी था, वहीं छोटानागपुर की धरती में एक अलग तरह का टाना आंदोलन चल रहा था। यह आंदोलन विशुद्ध रूप से अपने जल जंगल ज़मीन बचाने और अपना हक-अधिकार के लिए था।

झारखंड के स्वतंत्रता सेनानी व टाना आंदोलन के प्रणेता बाबा जतरा टाना भगत की जयंती समारोह मनाई जा रही है। इस अवसर पर बलकु टाना भगत ने कहा कि पूर्व में हमें 1888 में जन्म लिए महान स्वतंत्रता सेनानी जतरा टाना भगत की जन्मतिथि ज्ञात नहीं होने की वजह से जयन्ती समारोह मना नहीं पाते थे। अब सही तिथि ज्ञात हो गयी है तो इस लिए बड़े ही धूमधाम से इस दिन को याद कर रहे हैं।

बिशुनपुर के जनार्दन टाना भगत ने कहा कि बाबा जतरा टाना भगत सभी आदिवासियों के प्रेरणास्रोत हैं। उनके बताए मार्ग पर हमें चलना है। जतरा का सादा जीवन हमेशा युवाओं को प्रेरणा देता रहेगा। सामाजिक कार्यकर्ता व आदिवासी नेता अनिल पन्ना ने कहा कि बाबा जतरा टाना भगत का इतिहास झारखंड के हर युवाओं के लिए एक सीख है। जल जंगल ज़मीन की रक्षा के लिए कैसे अंग्रेजों से लोहा लिया। पहली बार हो रहा, जब हम सभी आदिवासी समुदाय बाबा जतरा टाना भगत की जयंती उनके ही पैतृक गांव में एकत्र हुए।

इस मौके पर राजेश टाना भगत ने कहा कि बाबा जतरा का जीवन सादा था। वे अपने समाज और अपने लोगों के लिए प्रेरणादायक बने रहेंगे। इस मौके पर विभिन्न जिलों से आए टाना भगत के अनुयायी ने अपने-अपने विचार रखें।

इनमें विनय टाना भगत, सुखदेव टाना भगत, गुरुचरण टाना भगत, मधुसुदन टाना भगत, रामजीत टाना भगत, उमेश टाना भगत, अरविंद टाना भगत, जानकी टाना भगत, यशोदा टाना भगत, भूषण टाना भगत, सिकन्दर, मंत्री, मंगले, बालेश्वर, बिहारी, चेतन, पवित्र, हीरामनी, बुधमनिया, सुशीला बसन्ती, तेतला, मंगल, शिबु, विश्वा, बरतिया टाना भी शामिल थे।

खबरें और भी हैं। इसे आप अपने न्‍यूज वेब पोर्टल dainikbharat24.com पर सीधे भी जाकर पढ़ सकते हैं। नोटिफिकेशन को अलाउ कर खबरों से अपडेट रह सकते हैं। सुविधा के अनुसार अन्‍य खबरें पढ़ सकते हैं।

आप अपने न्‍यूज वेब पोर्टल से फेसबुक, इंस्‍टाग्राम, x सहित अन्‍य सोशल मीडिया के साथ-साथ सीधे गूगल हिन्‍दी न्‍यूज पर भी जुड़ सकते हैं। यहां भी खबरें पढ़ सकते हैं। अपने सुझाव या खबरें हमें dainikbharat24@gmail.com पर भेजें।

हमारे साथ इस लिंक से जुड़े
https://chat.whatsapp.com/KFx4zY9YysxKWCO5Z8HWlj

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *