कृषि आंकड़ों का एकत्रीकरण पूरी गुणवत्ता के साथ हो : डॉ एससी दुबे

कृषि झारखंड
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  • बीएयू में आयोजित कार्यशाला में बोले कुलपति

रांची। बिरसा कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ एससी दुबे ने कहा ही कि कृषि सम्बन्धी आंकड़ों का एकत्रीकरण पूरी गुणवत्ता के साथ निर्धारित मानकों और प्रारूप के अनुरूप करना चाहिए। क्योंकि इन्हीं प्राथमिक आंकड़ों के आधार पर देश की योजनाओं का निर्माण और फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य निर्धारित होता है।

डॉ दुबे वृहस्पतिवार को बीएयू में ‘भारत की प्रमुख फसलों की उत्पादन लागत के अध्ययन सम्बन्धी व्यापक योजना’ के क्षेत्र अन्वेषकों के प्रशिक्षण सह कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि डेटा संग्रहण की तकनीकी मोनिटरिंग का कार्य सम्बंधित लोगों को पूरी गंभीरता से करना चाहिए। इस योजना के तहत देश में 25 फसलों और झारखंड में 11 फसलों का डेटा संग्रह किया जा रहा है। इस अवसर पर अन्वेषकों को 6 लैपटॉप वितरित किया गया।

कृषि संकाय के अधिष्ठाता डॉ डीके शाही, कृषि अर्थशास्त्र विभाग के पूर्व अध्यक्ष डॉ आरपी सिंह, भारतीय चारागाह एवं चारा अनुसंधान संस्थान (झांसी) के वैज्ञानिक डॉ रामविनोद सिंह और डॉ राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय (समस्तीपुर) से आये क्षेत्र अन्वेषक गौरव कुमार एवं कुलदीप कुमार ने भी अपने विचार रखे। संचालन डॉ नीतू कुमारी ने किया।

योजना के नोडल ऑफिसर डॉ बीके झा ने कहा कि किसानों की लागत और आमदनी का आकलन एवं न्यूनतम समर्थन मूल्य का निर्धारण करने के उद्देश्य से भारत सरकार के अर्थशास्त्र एवं सांख्यिकी निदेशालय द्वारा संचालित इस आधी सदी प्राचीन योजना के 19 केंद्र देश में चल रहे हैं।

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