नियमित रूप से सचिवालय में नहीं बैठने वाले पंचायत सचिव और जनसेवक पर होगी कार्रवाई

झारखंड
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  • प्रधानमंत्री आवास का प्रखंड में खराब प्रदर्शन पर जताई नाराजगी जताई
  • प्रतीक्षा सूची में प्रखंड के लगभग 400 लाभुकों का अभिलेख आना बाकी

योगेश कुमार पांडेय

गिरि‍डीह । पंचायत सचिवालय नियमित तौर पर नहीं खुलने पर संबंधित पंचायत सचिव और जनसेवक पर दंडात्‍मक कार्रवाई होगी। पंचायत सचिव और जनसेवक जनता का काम अपने-अपने पंचायत भवन में बैठकर करें। उक्त बातें जमुआ बीडीओ विनोद कुमार कर्मकार ने शुक्रवार को समीक्षा बैठक के दौरान कही। इसमें पंचायत सचिव एवं जनसेवक भी मौजूद थे।

बीडीओ कर्मकार ने कहा कि क्षेत्र भ्रमण के दौरान अधिकतर पंचायत सचिवालय बंद मिलते हैं। नियमित रूप से पंचायत सचिवालय नहीं खुलने पर आम जनता को काम कराने के लिए प्रखंड मुख्यालय का चक्कर काटना पड़ता है। उन्‍होंने कहा कि सभी कर्मी दो दिनों में अंदर पंचायत सचिवालय में स्थाई रूप से बैठना सुनिश्चित करें। आज के बाद क्षेत्र भ्रमण के दौरान कोई भी पंचायत सचिवालय बंद मिलने पर संबंधित पंचायत सचिव एवं जनसेवक के विरुद्ध प्रपत्र का भरा जाएगा। अन्य सभी कर्मियों को भी पंचायत भवन में नियमित रूप से रहना है।

समीक्षा के दौरान प्रधानमंत्री आवास का प्रखंड में खराब प्रदर्शन पर बीडीओ ने नाराजगी जताई। उन्होंने संबंधित कर्मियों को कड़ी फटकार लगाते हुए चार दिनों में सभी मॉड्यूल में अपना प्रोग्रेस रिपोर्ट बढ़ाने के निर्देश दिए। उन्‍होंने कहा कि वित्तीय वर्ष 2019-20 में जमुआ प्रखंड में 1541 आवास का टारगेट था, सभी प्रारंभ कराये गये थे। अब तक 131 आवास लंबित है। वित्तिय वर्ष 2020-21 में जमुआ प्रखंड में 1311 आवास का टारगेट था, जिसमें 950 लाभुकों को प्रथम किस्त भेजी गयी। वहीं 368 लाभुकों को दूसरी किस्त भेजी गयी है। बावजूद अब तक मात्र 82 आवास ही पूर्ण किये गये हैं।

बीडीओ ने कहा कि प्रधानमंत्री आवास की प्रतीक्षा सूची में अब भी प्रखंड के लगभग 400 लाभुकों का पंचायतों से अभिलेख आना बाकी है। हर बार की बैठकों में योग्य लाभुकों का अभिलेख लाने का निर्देश दिया जाता है। बावजूद लोग ध्यान नही देतें हैं, जो काफी खेद का विषय है। बीडीओ ने मौके पर प्रधामनंत्री आवास के प्रखंड समन्वयक संतोष कुमार को निर्देश दिया कि जिस पंचायत का परफॉर्मेंस खराब है, वैसे कर्मियों को चिन्हित कर कार्रवाई के लिए फाइल बढ़ाएं। बीडीओ ने मनरेगा, 14वीं और 15वीं वित्त, राशन, पेंशन आदि की भी समीक्षा कर कर्मियों को कई आवश्यक निर्देश दिए।