
- वायरल वीडियो एवं ऑडियो की उच्चस्तरीय जांच कराने की मांग
रांची। झारखंड प्रदेश संयुक्त शिक्षक मोर्चा का शिष्टमंडल बिना चप्पल के शिक्षा मंत्री बैद्यनाथ राम से मिला। उन्हें विगत दिनों शिक्षा परियोजना के निदेशक आदित्य रंजन द्वारा शिक्षकों को चप्पल पहनकर विद्यालय आने पर चप्पल से मारने के दिए बयान अवगत कराया। इस संबंध में वायरल वीडियो एवं ऑडियो की उच्चस्तरीय जांच कराने की मांग की।
शिष्टमंडल में मोर्चा के संयोजक अमीन अहमद, विजय बहादुर सिंह, प्रवक्ता अरुण कुमार दास, आशुतोष कुमार, संजीव कुमार सहित अन्य शिक्षक प्रतिनिधि शामिल थे। मोर्चा ने निदेशक के वायरल वीडियो एवं ऑडियो की जांच कर निदेशक के इस बयान की सत्यता को सामने लाने का आग्रह किया। क्योंकि उन्होंने अपने बयान को एडिटेड कहकर हजारों शिक्षक के समक्ष कहे गये अपने वक्तव्य से अपना पल्ला झाड़ने का कार्य किया है। इससे पूरे राज्य के शिक्षक आहत हैं। निदेशक ने राज्य में शिक्षकों के बीच भय का माहौल बनाकर रखा है। ऐसे में शिक्षक बच्चों के बीच कैसे गुणवत्ता युक्त शिक्षण कार्य का संपादन करेंग?
मंत्री ने मोर्चा के शिष्टमंडल से शिक्षकों की भावनाएं से खुद को भी आहत होने की बात कही है। उन्होंने कहा कि शिक्षा सचिव को मामले का पटाक्षेप करने का आदेश दिया है। स्वयं निदेशक से इसकी निंदा करते हुए उनकी क्लास ली है। ऐसी शर्मसार करने वाली बातें कतई बर्दाश्त नहीं की जा सकती है। उन्होंने यह भी कहा कि शिक्षकों के सम्मान से खिलवाड़ नहीं होने दिया जायेगा। इस संबंध में निदेशक को तलब किया गया है।
शिक्षा मंत्री ने संयुक्त शिक्षक मोर्चा के शिष्टमंडल को आश्वस्त करते हुए कहा कि शिक्षकों के सम्मान के साथ कोई समझौता नहीं होगा। उन्होंने राज्य के सभी शिक्षकों से अपील की कि अब अपने चप्पल आंदोलन को वापस लें। शिक्षकों का सम्मान पूरे राज्य का सम्मान है। उन्होंने शिक्षकों के लिए एमएसीपी पर सरकार की तरफ से सकारात्मक विचार रखने की बात भी कही।
मंत्री की अपील और उनके द्वारा शिक्षकों के सम्मान की रक्षा के आश्वासन पर मोर्चा में शामिल राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ, झारखंड राज्य उर्दू शिक्षक संघ, झारखंड प्रदेश प्राथमिक शिक्षक संघ, झारखंड स्टेट प्राईमरी टीचर्स एसोशिएशन एवं राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ +2 संवर्ग ने मंत्री का आभार जताया। शिक्षकों के सम्मान की रक्षा की बात पर चप्पल आंदोलन को समाप्त करने की घोषणा की।
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