प्रेस की गाड़ियों, एंबुलेंस, दूध सप्लाई और हॉस्पिटल की इमरजेंसी सेवा बंद से मुक्त
चाईबासा। बड़ी खबर आई है, भाकपा माओवादी की दक्षिणी जोनल कमेटी ने 10 जुलाई को कोल्हान प्रमंडल बंद का आह्वान किया है। अगर बहुत जरूरी नहीं हो, तो आप उस दिन अपनी यात्रा टाल दें।
दक्षिणी जोनल कमेटी ने कहा है कि ऑपरेशन कगार के तहत झारखंड पुलिस और अर्द्धसैनिक बलों ने लोवादा में ऑपरेशन क्लीन चलाकर हमारे छह साथियों का नरसंहार किया है। इसके खिलाफ 10 जुलाई को 24 घंटे का कोल्हान प्रमंडल बंद बुलाया गया है।
भाकपा माओवादियों ने प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि 23 मई को लोवादा गांव के पास जंगल में कामरेड बुधराम सहित तीन सदस्यीय टीम की पुलिस के साथ मुठभेड़ हो गई।
मुठभेड़ में जब कामरेड बुधराम को पैर में गोली लगी, तो वे चलने में असमर्थ हो गये। पुलिस ने कामरेड बुधराम को घायल अवस्था में पकड़ कर बर्बरता के साथ शारीरिक यातना देने के बाद सिर में गोली मारकर उनकी हत्या कर दी और वे शहीद हो गये।
भाकपा माओवादियों ने कहा कि दूसरी घटना लिपुंगा की है। बीते 17 जून को भाकपा माओवादियों के दस्ते पर पुलिस और अर्धसैनिक बलों ने हमला कर उनके साथियों को बेरहमी से पकड़कर मार डाला। दक्षिणी जोनल कमेटी इन तमाम साथियों को नमन करती है।
माओवादियों ने दावा किया है कि कोल्हान प्रमंडल के जंगल में रहने वाले आदिवासी मूलवासी जनता के ऊपर एक अघोषित युद्ध थोपा गया। पूरे वन क्षेत्र को युद्ध क्षेत्र में तब्दील कर दिया गया। हर गांव में एक से डेढ़ किलोमीटर की दूरी में अर्धसैनिक बलों के कैंप को बनाया गया, जिससे यहां रहने वाले लोगों की जिंदगी नर्क में तब्दील हो गई।
भारत-पाकिस्तान के बॉर्डर पर की जाने वाली गोलीबारी कोल्हान के जंगलों में की जा रही है। माओवादियों ने प्रेस की गाड़ियों, एंबुलेंस, दूध सप्लाई और हॉस्पिटल की इमरजेंसी सेवा को बंद से मुक्त रखा है।