रांची। मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन ने कल बुधवार को अपना इस्तीफा सौंप दिया। इसके साथ ही झारखंड की राजनीति में भूचाल आ गया है। बीजेपी को अब झामुमो खासकर शिबू सोरेन परिवार पर हमला बोलने का मौका मिल गया है।
दरअसल, झारखंड की सत्ता की कमान एक बार फिर से हेमंत सोरेन के हाथों में आने वाली है। विधायक दल की बैठक में हेमंत सोरेन के नाम पर सहमति की औपचारिकता पूरी कर ली गई है। चंपाई सोरेन ने मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया है।
वहीं, हेमंत सोरेन को विधायक दल का नेता चुन लिया गया है। हेमंत सोरेन राज्यपाल से मिल कर सरकार बनाने का दावा पेश कर दिया है। इसी क्रम में असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिश्वा सरमा ने हेमंत सोरेन पर निशाना साधा है।
हिमंता बिश्वा सरमा ने सोशल मीडिया एक्स में लिखा कि “झारखंड में झामुमो एवं कांग्रेस पार्टी द्वारा एक वरिष्ठ आदिवासी नेता को मुख्यमंत्री पद से हटाया जाना अत्यंत दुखद है। मुझे यकीन है कि झारखंड की जनता इस फैसले की कड़ी निंदा करेगी और इसे दृढ़ता से खारिज करेगी।”
झारखंड विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बाउरी ने अपने एक्स हैंडल पर लिखा कि “चंपाई सोरेन जैसे वरिष्ठ नेता के साथ सोरेन परिवार का यह व्यवहार बहुत शर्मनाक और निंदनीय है।
अब झारखंड के चुनावों में कुछ महीने ही बचे हैं, लेकिन सोरेन परिवार को सत्ता की ऐसी बेकरारी है कि वे इससे एक दिन भी दूर नहीं रह सकते हैं। वैसे भी सरकार तो जेल से हेमंत सोरेन ही चला रहे थे, लेकिन जेल से जमानत पर बाहर आते ही फिर से गद्दी पर बैठने के लिए बेकरार हो उठे। पिछ्ले पांच सालों झारखंड को शर्मशार करने की कोई भी कसर हेमंत सोरेन ने नहीं छोड़ी है।”
बता दें कि मुख्यमंत्री आवास में सीएम चंपाई सोरेन, सत्ता पक्ष के सभी विधायक, कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी गुलाम अहमद मीर की उपस्थिति में बैठक हुई। इस बैठक में सर्वसम्मति से फैसला लिया गया कि हेमंत सोरेन एक बार फिर से सत्ता की कमान संभालेंगे। इसके साथ ही हेमंत सोरेन तीसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे।