रांची। ईद से पहले सरकारी स्कूल के शिक्षकों के वेतन मद में 22 अरब रुपये जारी कर दिए गए हैं। इसकी जानकारी प्राथमिक शिक्षा निदेशक ने सभी उपायुक्त और जिला शिक्षा अधीक्षक को 5 अप्रैल, 2024 को दी। वेतन जारी करने के साथ ही इसमें कई शर्तें भी लगाई गई है।
आदेश में प्राथमिक शिक्षा निदेशक ने लिखा है कि राजकीय प्राथमिक एवं मध्य विद्यालय स्थापना व्यय के लिए 22 अरब 45 करोड़ 33 लाख 29 हजार 500 रुपये आवंटित किया गया है। निकासी एवं व्ययन पदाधिकारी स्रोत पर आयकर कटौती/व्यवसायिक कर कटौती सुनिश्चित करें।
ये शर्तें लगाई गई
आदेश में कहा गया है कि यह लगातार पाया गया है कि विभिन्न जिलों में अनुमान्यता से अधिक वेतन और भत्ते (ययाः मकान किराया भत्ता आदि) का भुगतान किया जाता है। कालांतर में उसकी वसूली का प्रयास किया जाता है, जिससे न्यायिक वाद उत्पन्न होते है। अनुमान्यता से अधिक भुगतान किए गए राशि की पूर्ण वसूली संबंधित निकासी एवं व्ययन पदाधिकारी / जिला शिक्षा अधीक्षक से की जाएगी।
अंतिम वेतन प्रमाण-पत्र पर अंकित अग्रिम का सामंजन करेंगे। अनापत्ति प्रमाण पत्र अंतिम वेतन प्रमाण-पत्र पूर्ण संतुष्ट होने के बाद निर्गत करेंगे।
विभाग अंतर्गत संचालित योजनाओं के लिए उपलब्ध कराई गई असामंजित अग्रिम राशि की वसूली नियमित वेतन से की जाए। सेवानिवृति लाभ से उक्त राशि की कटौती में आ रहे कठिनाईयों के आलोक में अग्रिम की वसूली प्राथमिकता के आधार पर की जाए।
सरकार द्वारा आवास अग्रिम/मोटर कार अग्रिम/किसी अन्य प्रकार की अग्रिम इत्यादि दिया गया हो या अंतिम वेतन प्रमाण-पत्र पर अंकित हो, उसकी वसूली की लागू परिपत्रों/नियमों के आलोक में की जाय। वित्त नियमावली का पालन किया जाय।
सरकारी आवास में रहने वालों से भवन निर्माण विभाग के परिपत्रों के अनुरुप लाइसेंस फी की कटौती कर जमा की जाए।
बकाया वेतन भुगतान पर भी, कर्मी के वर्तमान में नियमित वेतन पर निर्धारित दर के अनुरूप ही आयकर की कटौती की जाए।
सेवानिवृत्त लाभों की सक्षम स्तर से स्वीकृति के बाद प्राथमिकता के आधार पर निष्पादन किया जाय।
योजना एवं वित्त विभाग द्वारा 7वें वेतन पुनरीक्षण आयोग के क्रम में अधिसूचित विभिन्न भत्तों के संदर्भ में समय-समय पर निर्गत अद्यतन परिपत्रों का अनुपालन किया जाय।
आयकर कटौती में लापरवाही के फलस्वरूप किसी प्रकार के दंड अधिरोपों के विरुद्ध निकासी एवं व्ययन पदाधिकारी व्यक्तिगत रूप से जिम्मेवार होंगे।
महालेखाकार एवं वित्त विभाग के अंकेक्षण आपत्तियों का ससमय अनुपालन सुनिश्चित किया जायेगा।
अंकेक्षण में अंकित वसूलनीय राशि की वसूली कर संबंधित शीर्ष में जमा किया जायेगा।
राशि के निकासी एवं व्ययन पदाधिकारी संबंधित जिला शिक्षा अधीक्षक अथवा उनके निस्तराधीन निकासी एवं व्ययन पदाधिकारी होंगे। राशि की निकासी संबंधित कोषागार/उप-कोषागार से की जायेगी।
जिलों को आवंटित राशि
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