महाराष्ट्र। शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुंबई में देश के सबसे बड़े समुद्री पुल अटल सेतु का उद्घाटन किया। मुंबई ट्रांस हार्बर लिंक (Mumbai Trans Harbour Link) प्रोजेक्ट का नाम पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी के नाम पर किया गया है। यह दुनिया में 12वां सबसे लंबा समुद्री पुल है।
इस पुल के शुरू होने से मुंबई के ट्रैफिक में बड़ा बदलाव आएगा। इतना ही नहीं मुंबई की नवी मुंबई, पुणे, गोवा और दक्षिण के राज्यों से दूरी कम जाएगी। पीएम मोदी ने शेवड़ी से न्हावा शेवा तक अटल सेतु के निर्माण के लिए दिसंबर 2016 में आधारशिला रखी थी। अटल सेतु आपदारोधी पुल है। इसका निर्माण सात साल में पूरा किया गया है।
पीएम मोदी ने अटल सेतु का उद्घाटन करने के बाद वहां पर लगाई गई प्रदर्शनी को भी देखा। अटल सेतु छह लेन का है। इस ब्रिज में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए है। आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस तकनीक से लैस 190 कैमरे लगाए गए हैं। इस ब्रिज के निर्माण में परमाणु रिएक्टर में इस्तेमाल होने वाले मैटेरियल का भी इस्तेमाल किया गया है। इसका मैटेरियल का नाम epoxy resin है। परमाणु रिएक्टर पर इसकी कोटिंग की जाती है।
अटल सेतु का 16.5 किमी हिस्सा पानी पर है। मुंबई ट्रांस हार्बर लिंक का 5.5 किमी हिस्सा जमीन पर है। प्रतिदिन इस सेतु से 70 हजार वाहन गुजरने का अनुमान है। इस ब्रिज से आने-जाने का का कुल टोल 375 रुपये होगा। रोज आवाजाही करने वाले लोगों को मंथली टोल चुकाने का विकल्प भी दिया गया है।
मुंबई के साथ पुणे के लोग काफी समय से इस ब्रिज के खुलने का इंतजार कर रहे थे। अटल सेतु काफी मजबूत है। समुद्र में आने वाले हाई टाइड और भूकंप का भी कोई असर नहीं पड़ेगा। इसके ऊपर तेज हवाओं का भी असर नहीं पड़ेगा। दुनिया की 10 देशों के सहयोग से इसे तैयार किया गया है। मुंबई को इस ब्रिज को सागरी पुल के नाम से जाना जा रहा था।