प्रशांत अंबष्ठ
बोकारो। दुष्कर्म के आरोपी सीसीएल अधिकारी ओमप्रकाश सिंह ने तेनुघाट व्यवहार न्यायालय में आत्मसमर्पण कर दिया। डीएवी पब्लिक स्कूल स्वाग के एक महिला कर्मचारी ने उनपर बलात्कार का आरोप लगाया था। पुलिस के लगातार दबाव के कारण अभियुक्त ने यह कदम उठाया। आत्मसमर्पण करने के बाद उन्हें न्यायिक हिरासत में तेनुघाट उपकारा भेज दिया गया
पीड़िता के मुताबिक डीएवी स्वाग की लोकल कमेटी के मेंबर रहे ओमप्रकाश सिंह (ओपी सिंह) ने 15 से 21 अप्रैल, 2018 तक उसे गेस्ट हाउस में कुछ पेपर में साइन करने के लिए बुलाया था। वह पेपर नौकरी में स्थाई करने के लिए दिल्ली भेजना था। जब वह गेस्ट हाउस पहुंची, तब वहां बरामदे में खड़े ओम प्रकाश सिंह एक रूम में घुस गए। पेपर लेकर उसके रूम में जाते ही उन्होंुने उसका गेट बंद कर दिया। उसका मुंह दबा दिया और गलत हरकत करने लगे। बेड पर पटक दिया और बलात्कार करने लगे।
पीड़िता ने बताया कि उसके बाद निर्वस्त्र कर अपना मोबाइल निकालकर वीडियो बनाने लगा। धमकी दी कि कहीं मुंह खोलो तो वीडियो वायरल कर देंगे। इससे उसकी नौकरी भी चली जाएगी। यह भी कहा कि तुम मेरा कुछ नहीं बिगाड़ सकती। उक्त घटना के बाद लगातार ओमप्रकाश सिंह द्वारा धमकी दी जाती रही। दिसंबर, 2018 रविवार के दिन फिर से गेस्ट हाउस बुलाए। कहा कि जो वीडियो बना है, वह डिलीट कर देंगे। उस दिन भी डरा धमकाकर शारीरिक संबंध बनाए। फिर बोले कि वीडियो डिलीट नहीं करेंगे। जब तक तुम सीसीएल के बड़े पदाधिकारी के साथ शारीरिक संबंध नहीं बना लेती हो।
इसी तरह 2019 में अगस्त और सितंबर महीने में भी में तेनुघाट डैम के पास बुलाया। फिर गलत हरकत की। वे कई बार डरा धमकाकर सीसीएल के कई बड़े पदाधिकारियों के साथ भी शारीरिक संबंध बनाने को बोलने लगे। पीड़िता ने बताया कि 15 मार्च, 2020 को डीएवी स्वांग में इंटरव्यू होने वाला था। उस दिन भी ओमप्रकाश सिंह एरोड्रम बुलाकर गलत हरकत की। इस मामले में बोकारो थर्मल थाना में (कांड संख्या 49 /20) दर्ज किया गया था।
मामला दर्ज किये जाने के बाद पुलिस उनकी गिरफ्तारी का प्रयास कर रही थी। लगातार दबाव के कारण ओपी सिंह ने व्यवहार न्यायालय तेनुघाट के अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी विशाल गौरव के न्यायालय में आत्मसमर्पण कर दिया। उन्हें न्यायिक हिरासत में तेनुघाट उपकारा भेज दिया गया।