
रांची। कोल इंडिया की सहायक कंपनी सीसीएल में पीएचडी को लेकर दो प्रावधान लागू किए गए हैं। इससे कामगार असमंजस में हैं। उन्हें इसकी वजह समझ में नहीं आ रहा है। इससे लेकर उनमें आक्रोश व्याप्त है।
कंपनी की रोहिणी परियोजना ने 29 सितंबर, 2023 को एक आदेश जारी किया है। इसमें कामगारों को जानकारी दी गई कि रविवार और छुट्टी के दिन में काम करने के मद में भुगतान करने की स्वीकृत राशि समाप्ति के कगार पर है।
रोहिणी परियोजना पदाधिकारी ने जारी पत्र में लिखा है कि इस संदर्भ में मुख्यालय से विभिन्न पत्रों के माध्यम और मुख्यालय स्तर पर मीटिंग में भी इस मद पर खर्च पर नियंत्रण करने पर जोर दिया जाता रहा है, ताकि कर्मचारियों के वेतन एवं अन्य तरह के भुगतान में कोई परेशानी नहीं आये।
रविवार OT/PHD पर धन की कमी के कारण और रविवार एवं छुट्टी के दिन में काम करने के मद में भुगतान के व्यय को नियंत्रित करने के लिए आने वाले 2 अक्टूबर, 2023 (गांधी जयंती) के दिन सोमवार को रोहिणी परियोजना में PHD (सवैतनिक अवकाश) लागू नहीं रहेगा। रोहिणी परियोजना में 2 अक्टूबर, 2023 को अवकाश रहेगा।
उधर, मगध-संघमित्रा क्षेत्र के लिए सहायक कार्मिक प्रबंधन ने 30 सितंबर को एक कार्यालय आदेश जारी किया है। इसमें कहा गया है कि गांधी जयंती के अवसर पर मगध परियोजना कार्यालय 2 अक्टूबर, 2023 को बंद रहेगा। यह सवैतनिक अवकाश के रूप में माना जाएगा। सक्षम अधिकारी के पूर्व अनुमोदन पर आवश्यक सेवाएं चालू रहेगी।
एक ही कंपनी में पीएचडी को लेकर अलग-अलग प्रावधान को लेकर कामगार आक्रोशित भी है। उनका कहना है कि यह धोखा है। आखिर दोनों परियोजनाएं मुख्यालय से ही नियंत्रित होती है। ऐसे में दो प्रावधान होना उचित नहीं है।
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