नई दिल्ली। संसद के विशेष सत्र के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को कैबिनेट की बैठक बुलाई। यह बैठक शाम साढ़े छह बजे संसद भवन के एनेक्सी भवन में शुरू हो चुकी है। बैठक में महिला आरक्षण बिल पर बड़ा फैसला लिया जा सकता है।
सूत्रों के मुताबिक, पांच दिवसीय विशेष सत्र के दौरान मोदी सरकार संसद में महिला आरक्षण विधेयक पेश कर सकती है। करीब 27 साल से लंबित महिला आरक्षण विधेयक अटका पड़ा है और अब सरकार इस पर यह बड़ा कदम उठाने वाली है।
कांग्रेस समेत कुछ विपक्षी दलों ने सोमवार को सरकार से संसद के चालू सत्र में महिला आरक्षण विधेयक पेश करने और इसे सर्वसम्मति से पारित कराने का आग्रह किया। वहीं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने सवाल उठाया कि 57 साल तक शासन में रहने वाली मुख्य विपक्षी पार्टी ने इस विषय पर क्या किया।
संसद के पांच दिवसीय सत्र के पहले दिन दोनों सदनों में ‘संविधान सभा से शुरू हुई 75 वर्षों की संसदीय यात्रा – उपलब्धियां, अनुभव, यादें और सीख’ विषय पर चर्चा शुरू हुई। लोकसभा में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस विषय पर अपने संबोधन में कहा कि पिछले 75 वर्ष में भारतीय लोकतंत्र की सबसे बड़ी उपलब्ध यह रही कि सामान्य जन का संसद पर विश्वास बढ़ता गया।
सदन में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने उक्त विषय पर चर्चा में हिस्सा लेते हुए कहा कि उनकी नेता सोनिया गांधी के प्रयास से राज्यसभा में एक बार संबंधित महिला आरक्षण विधेयक पारित हो चुका था, लेकिन अब समय आ गया है कि सत्ता पक्ष महिलाओं को विधायिका में 33 प्रतिशत आरक्षण दिये जाने संबंधित विधेयक इस सत्र में पेश करे और इसे मूर्त रूप देने में भूमिका निभाए।
उन्होंने विपक्षी दलों को अपने विचार रखने के लिए भी एक दिन तय करने का अनुरोध किया। तृणमूल कांग्रेस के सुदीप बंदोपाध्याय और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) की सुप्रिया सुले ने भी देश की आधी आबादी के प्रतिनिधित्व को बढ़ाने वाले विधेयक को मूर्त रूप देने की मांग सरकार से की।