झारखंड बंगाली समिति के सेमिनार में ये प्रस्‍ताव पारित, भेजा जाएगा राज्‍यपाल और सीएम को

झारखंड
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दुमका। झारखंड बंगाली समिति दुमका जोन के तत्‍वावधान में 3 सितंबर को आज केवी वाटिका दुमका में सेमिनार का आयोजन किया गया। इसका विषय ‘मातृभाषा बंगला शिक्षा और बंगभाषि‍यों का दायित्व’ था। जिलाध्यक्ष डॉ वाणी सेनगुप्ता ने इसकी अध्यक्षता की। सेमि‍नार में देवघर, गोड्डा, पाकुड़, साहि‍बगंज, जामताड़ा जिले के साथ-साथ दुमका के ग्रामीण इलाकों से बंगभाषी बुद्धिजीवियों ने भाग लिया। सेमि‍नार दो सत्र में हुआ।

मुख्य अतिथियों एवं दुमका जोन की विभिन्न शाखाओं से आए वुद्धिजीवि‍यों ने द्वीप प्रज्‍ज्‍वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इसके बाद गीत-संगीत और सांस्कृतिक कार्यक्रम हुआ। समिति की महिला कलाकारों ने समवेत उद्बोधन संगीत प्रस्तुत किया। नृत्य-संगीत के कार्यक्रम में समिति के कलाकार कृष्णा दास, कौशानी सेनगुप्ता, श्रेयसी सरकार, सुपर्णा चटर्जी, स्वरुप सेनगुप्ता एक से बढ़कर एक नृत्य और संगीत पेश कर कार्यक्रम में उपस्थित दर्शकों का मन मोह लिया।

कार्यक्रम के दूसरे सत्र में विचार-मंथन में दिवाकर महतो ने विषय-प्रवेश कराया। उन्‍होंने हुए कहा कि‍ झारखंड बंगाली समिति झारखंड में बांगला पठन-पाठन में आने वाली हर समस्याओं के निराकरण और बांगला भाषा साहित्य की शिक्षक नियुक्ति, पाठ्य पुस्तकों की आपूर्ति एवं बंगला साहित्य एवं संस्कृति की संरक्षण व संवर्धन के लिए लगातार संघर्षरत है। आनेवाले समय में संघर्ष करते रहेंगें।

चर्चा-परिचर्चा में अयन बोस, सुब्रत सिंह, डॉ छाया गुहा, स्वपन बनर्जी, झारखंड बांगाली समिति के प्रदेश सचिव तपन सेनशर्मा, प्रदेश अध्यक्ष विद्रोह मित्र ने विचार पेश किये।

सर्वसम्मति से मांगों पर सहमति बनी। मांगपत्र राज्‍यपाल, मुख्यमंत्री, विधानसभा अध्यक्ष को सहानुभूतिपूर्वक विचार के लिए सौंपने का निर्णय लिया गया।

कार्यक्रम में विभिन्न जिलों एवं शाखा से प्रदीप कुमार दत्त, समीर मित्र, ब्रजमोहन मंडल, उतम कुमार मंडल, उत्पल दास, वीरेन नदीं, तापस नदीं सपन पात्र, भैरव चौधरी, सुमंत चन्द, अमिता रक्षित, डीएन गोरांय, आशीष आचार्य, सुव्रत सिंह, झारखंड बांगाली समिति के सचिव तपन सेनशर्मा, अध्यक्ष विद्रोह मित्र ने वक्तव्य रखा।

मंच संचालन दयामय माजी ने किया और धन्यवाद सपन बनर्जी ने किया। आयोजन में स्वरुप सेनगुप्ता, सुशीत चक्रवर्ती, अंशुमान, डॉ ध्रुव महाजन, प्रेम केशरी, सुवास चन्द्र मंडल, उज्ज्वल गुहा, सुनेन्दु सरकार बप्पा का महत्वपूर्ण योगदान रहा।

ये हैं मांगें

1. झारखंड के सभी जिलों के बंगला भाषी बहुल प्रखंडों में प्रथम वर्ग से द्वादश वर्ग तक पश्चिम बंगाल बोर्ड की पाठ्य-पुस्तकों को वर्गवार कम से कम एक-एक हजार प्रतियां आपूर्ति‍ की जाय। परीक्षा के समय बंगला प्रश्न पत्रों की आपूर्ति की जाय।

2. झारखंड के सभी जिलों में बंगला भाषी निवास करते हैं। अतः सभी जिलों में बंगला को क्षेत्रीय भाषा की दर्जा दिया जाय।

3. दुमका जिला की स्थापना अनुमति प्राप्त उच्च विद्यालय कुमड़ाबाद (दुमका) एवं स्थापना अनुमति प्राप्त उच्च विद्यालय सरसाजोल (शिकारीपाड़ा) को बंगला भाषाई अल्पसंख्यक विद्यालय के रूप में स्वीकृति दी जाय। दोनों विद्यालयों के पोषक क्षेत्र के मध्य विद्यालयों में बंगला शिक्षकों की नियुक्ति की जाय।

4. सभी बंगला भाषी बहुल गांवों के आंगनवाड़ी में ईश्वरचन्द्र विद्यासागर रचित वर्णपरिचय भाग एक और दो की आपूर्ति की जाय।

5. बंगलाभाषी बहुल गांवों की पंचायत ग्रन्थालयों में बांगला भाषा और साहित्य की पुस्तकों की आपूर्ति‍ की जाय। सभी पंचायत कार्यालय, विद्यालयों एवं प्रखंड कार्यालय का नाम बंगला भाषा में भी लिखा जाय। सभी सरकारी योजनाओं का प्रचार-प्रसार में बंगला भाषा का उपयोग किया जाय।

6. सभी बंगला भाषी बहुल इलाकों के उत्क्रमित उच्च विद्यालयों में बंगला भाषा के शिक्षकों के पद की स्वीकृत दी जाय।

7. कर्माटाड़ में पंडित ईश्वरचन्द्र विद्यासागर की स्मृति में बने नन्दन कानन, टैगोर हाल, रांची एवं आचार्य जगदीश चन्द्र बसु क वासभवन गिरि‍डीह को पर्यटन स्‍थल में सम्मिलित कर समुचित विकास योजना लागू की जाय।

8. राज्य के सभी विश्वविद्यालयों में बंगला ब्रिज की कोर्स चालू की जाए।

9. झारखंड टेक्स्ट बुक कमेटी का गठन किया जाय। कर्माटांड़ नारायण प्रेस चालु कर बंगला पुस्तकों की छपाई की जाए।

10. अल्पसंख्यक आयोग में एक पद बंगला भाषाई अल्पसंख्यक को दिया जाय।

11. कुमड़ाबाद के आसपास के ग्रामीणों ने ग्राम सभा में कुमड़ाबाद लम्बी पुल का नाम शिक्षाविद ईश्वरचन्द्र विद्यासागर के नाम पर विद्यासागर सेतु करने का प्रस्ताव पारित किया है। उक्त नाम की मंजूरी दी है।

12. कुमड़ाबाद पुल जाने के लिए गांव से बाहर बाईपास रोड अबिलंब बनाया जाय।

13. श्री श्री रामकृष्ण उच्च विद्यालय दुमका और उच्च विद्यालय आसनबनी में बंगला भाषा के स्वीकृत पद को विलोपित कर दिया गया है। इस संबंध में समिति अलग से शिक्षा विभाग से पत्राचार कर समस्या का हल करेंगी। संबंधित पक्षों को मांग पत्र प्रेषित करेंगी।