गुजरात : वडोदरा में वैक्सीन लगने के दो घंटे बाद सफाई कर्मचारी की मौत

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वडोदरा। राज्य में कोरोना की वैक्सीन देने के बाद एक सफाईकर्मी की मौत का पहला मामला प्रकाश में आया है। कर्मी की मौत से गुस्साएं लोगों ने सयाजी अस्पताल में हंगामा किया। हालांकि डाॅक्टर ने वैक्सीन से सफाईकर्मी की मौत होने से इनकार किया है। शव का पैनल पोस्टमार्टम कराया गया है।

बताया गया कि वडोदरा के सयाजी अस्पताल में कोरोना वारियर्स काे कोरोना की वैक्सीन दी जा रही थी।इसी क्रम में वडोदरा शहर के वडसर में ओम रेजिडेंसी के निवासी जिग्नेश प्रवीणभाई सोलंकी वार्ड नंबर -9 में सफाईकर्मी को काेराेना की वैक्सीन दी गई। वैक्सीन के बाद सफाईकर्मी अपने घर चला गया। बताया गया कि दो घंटे बाद सफाईकर्मी जिग्नेश की तबियत बिगड़ गई। परिजन उसे अस्पताल ले गये लेकिन डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया।कर्मचारी की मौत के बाद उसके परिजनों ने सयाजी अस्पताल में जमकर हंगामा किया और अस्पताल की व्यवस्था के खिलाफ अपना आक्रोश व्यक्त किया। मृतक अपनी पत्नी और दो बेटियों के साथ रहता था।

इस संबंध में सयाजी अस्पताल के अधीक्षक डॉ. रंजन अय्यर ने कहा कि सफाईकर्मी की मौत कोरोना वैक्सीन के कारण नहीं हुई है। शव का एक पैनल के द्वारा पोस्टमॉर्टम किया जा रहा है। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के बाद ही मौत का सही कारण पता चल सकेगा। उन्होंने बताया कि मृतक काे 2016 में दिल की बीमारी के चलते अर्बन हार्ट अस्पताल में भर्ती किया गया था और उसकी एंजियोप्लास्टी भी हुई। उन्होंने कहा कि मृतक ने जरूरी दवाएं नहीं ले रहा था।

मृतक जिग्नेशभाई की पत्नी दिव्या ने कहा कि जिग्नेश को आज वार्ड नंबर-9 के कार्यालय से कोरोना की वैक्सीन देने के लिए ले जाया गया था। टीका लगने के बाद वे घर लौट आए और घर पर स्नान करने के बाद  अचानक उसकी तबियत बिगड़ गई और बोलना बंद कर दिया। दिव्या ने कहा कि सभी को स्वेच्छा से टीका लगाया जाना चाहिए, किसी को मजबूर नहीं किया जाना चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि कोरोनो वैक्सीन का टीका लगने के बाद ही जिग्नेश की मौत हुई है। मृतक जिग्नेशभाई की भाभी ज्योतिबेन सोलंकी ने बताया कि जिग्नेश के मना करने के बाद भी उसे टीकाकरण के लिए बुलाया गया था।