कामगारों को लेकर केंद्रीय कोयला मंत्री ने राज्‍यसभा में दी ये जानकारी

नई दिल्ली देश
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  • घरेलू उत्पादन बढ़ाने और गैर-जरूरी आयात को खत्म करने पर ध्यान केंद्रित

नई दिल्‍ली। कोयला खदानें बंद होने पर किसी भी कामगार को कोयला कंपनियों (कोल इंडिया लिमिटेड व सिंगारेनी कोलियरीज कंपनी लिमिटेड) की सेवाओं से नहीं हटाया जाएगा। श्रमिकों को पर्याप्त प्रशिक्षण प्रदान करने के साथ उनके प्रभावी उपयोग के लिए अन्य इकाई व प्रतिष्ठानों में स्थानांतरित किया जाता है। यह जानकारी केंद्रीय कोयला, खान मंत्री प्रल्हाद जोशी ने 7 अगस्‍त को राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में दी।

मंत्री ने कहा कि देश में कोयले की ज्यादातर मांगों को स्वदेशी उत्पादन/आपूर्ति से पूरा किया जाता है। सरकार का ध्यान कोयले का घरेलू उत्पादन बढ़ाने और देश में कोयले के गैर-जरूरी आयात को खत्म करने पर है। वर्ष 2022-23 में कोयला उत्पादन पिछले वर्ष की तुलना में 14.77 प्रतिशत बढ़ा है।

चालू वर्ष के दौरान जून, 2023 तक कोयले का घरेलू उत्पादन पिछले वर्ष की समान अवधि की तुलना में 8.51 प्रतिशत से अधिक बढ़ गया है। देश को कोयला उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदम निम्नलिखित हैं-

कोयला ब्लॉकों के विकास में तेजी के लिए ये उपाय

खान और खनिज (विकास और विनियमन) संशोधन अधिनियम, 2021 बनाया गया है, जो कैप्टिव खान मालिकों (परमाणु खनिजों के अलावा) को अपने वार्षिक खनिज (कोयला सहित) उत्पादन का 50 प्रतिशत तक खुले बाजार में बेचने में सक्षम बनाता है। यह अंतिम उपयोग संयंत्र से जुड़ी खदान की आवश्यकता को पूरा करने के बाद केंद्र सरकार के द्वारा निर्धारित तरीके से ऐसी अतिरिक्त राशि का भुगतान किया जाता है।

कोयला खदानों के परिचालन में तेजी लाने के लिए कोयला क्षेत्र के लिए सिंगल विंडो क्लीयरेंस पोर्टल।

कोयला खदानों के शीघ्र परिचालन के लिए विभिन्न अनुमोदन/मंजूरी प्राप्त करने के लिए कोयला ब्लॉक आवंटियों की मदद के लिए परियोजना निगरानी इकाई।

राजस्व हिस्सेदारी के आधार पर सीआईएल की बंद पड़ी खदानों को फिर से खोलना और एमडीओ के माध्यम से सीआईएल की खदानों का संचालन।

कोल इंडिया लिमिटेड अपनी भूमिगत (यूजी) खदानों, मुख्य रूप से सतत खनिकों (सीएम) में, जहां भी संभव हो, बड़े पैमाने पर उत्पादन प्रौद्योगिकियों (एमपीटी) को अपना रहा है। कोल इंडिया लिमिटेड ने छोड़ दी गईं या बंद खदानों की उपलब्धता को देखते हुए बड़ी संख्या में हाईवॉल (एचडब्ल्यू) खदानों में काम करने के बारे में भी परिकल्पना की है। कोल इंडिया लिमिटेड जहां भी संभव हो बड़ी क्षमता वाली भूमिगत खदानों की भी योजना बना रही है।

अपनी खुली कटान वाली खदानों में, कोल इंडिया लिमिटेड के पास पहले से ही उच्च क्षमता वाले उत्खनकों, डंपर और सतह खनिकों में अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी मौजूद है।

सीआईएल की 7 बड़ी खदानों में प्रायोगिक स्तर पर डिजिटलीकरण का कार्यान्वयन, जिसे आगे भी दोहराया जाएगा।

एससीसीएल ने 2023-24 तक 67 मीट्रिक टन के वर्तमान स्तर से 75 मीट्रिक टन उत्पादन करने की योजना बनाई है। नई परियोजनाओं को धरातल पर उतारने के लिए नियमित संपर्क किया जा रहा है। इसके अलावा, नई परियोजनाओं की गतिविधियों की प्रगति और मौजूदा परियोजनाओं के संचालन की नियमित निगरानी की जा रही है।

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