एनएसडीसी का सेंटर ऑफ एक्सीलेंस शुरू, आदिवासियों के लिए खुलेंगे रोजगार के द्वार

झारखंड
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  • राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन की उपस्थिति में शिलान्यास समारोह आयोजित

गुमला। राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने गुमला के बलातु में ‘सिनगी दई वन विज्ञान केन्द्र’ का शिलान्यास 21 अप्रैल को किया। जनजाति क्षेत्रों में आजीविका के अवसरों को बढ़ाने के उद्देश्य से कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय (एमएसडीई) के तत्वावधान में राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (एनएसडीसी) ने यह कदम उठाया है। एरोमेटिक और मेडिसिनल पौधों के प्रचार और प्रसंस्करण के लिए सेंटर ऑफ एक्सीलेंस (सीओई) और एक वुमन एम्पावरमेंट सेंटर भी लॉन्च किया है।

मल्टी-स्किलिंग सेंटर आदिवासी आबादी, विशेष रूप से महिलाओं को कौशल प्रशिक्षण, उद्यमशीलता प्रशिक्षण, मार्केट लिंकेज और टेक्नोलॉजी लिवरेज के माध्यम से सहायता और अवसर प्रदान करने पर ध्यान केंद्रित करता है, ताकि वे क्षेत्र में अपनी आजीविका के अवसरों का विस्तार कर सकें। ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने, घरेलू आय में वृद्धि करने और इस तरह नौकरी से संबंधित पलायन को रोकने के लिए, यह सेंटर स्किलिंग और अपस्किलिंग अवसरों को साबित करने के लिए सेंटर के रूप में काम करेगा। इसमें मेडिसिनल पौधों और एरोमेटिक पदार्थों सहित कृषि संबद्ध सेगमेंट शामिल होंगे। 

केंद्र सरकार के नीतिगत कार्यक्रमों और मेक इन इंडिया, स्टार्ट-अप इकोसिस्टम, एसएचजी के गठन, सहकारिता कन्वर्जेंस जैसे कार्यक्रमों के माध्यम से ग्रामीण परिवारों की आय बढ़ाने के मिशनों से जुड़े विकास पहलुओं को भी उत्प्रेरित करेगा।

एनएसडीसी ने सृजन कैंपस (बिशुनपुर) में उन 480 से अधिक उम्मीदवारों को सम्मानित करने के लिए एक सम्मान समारोह भी आयोजित किया, जिन्होंने अपना अपस्किलिंग प्रशिक्षण कार्यक्रम सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है। यह प्रमाण पत्र कारीगरों को उनके कौशल को पहचानने और ग्रामीण सेटिंग में काम करने की एक्नॉलेजमेंट प्राप्त करने में मदद करेगा और मान्य करेगा।

इस अवसर पर राज्‍यसभा सांसद समीर उरांव, लोहरदगा सांसद सुदर्शन भगत, और एनएसडीसी और एमडी सीईओ वेद मणि तिवारी ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया।

आईआईएम रांची और एनएसडीसी सहकारी इकोसिस्टम को मजबूत करने के लिए आवश्यक सहायता प्रदान करने, ब्रांडिंग बनाने, विपणन करने, घरेलू आय बढ़ाने के लिए मार्केट लिंकेज स्थापित करने और इस प्रकार बड़े पैमाने पर ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करेंगे। उच्च शिक्षा संस्थान- इंस्टीट्यूट ऑफ केमिकल टेक्नोलॉजी, मुंबई ग्राउंड जीरो पर केमिकल एक्सट्रैक्शन और डिजाइन से संबंधित प्रशिक्षण के बेहतर तरीके प्राप्त करने के लिए नॉलेज पार्टनर है।

एनएसडीसी के सीईओ वेद मणि तिवारी ने कहा, ‘एनएसडीसी में हम ‘सिंगी दाई वन विज्ञान केंद्र’ को बढ़ावा देकर खुश हैं। इसका उद्देश्य हमारे देश के आदिवासी समुदाय में रहने वाले लोगों को आजीविका के अवसर प्रदान करना है। हमारा मानना है कि समुदाय और उसके इकोसिस्टम के बीच तालमेल बनाना आवश्यक है ताकि कौशल संबंधी जरूरतों और जमीनी जरूरतों से संबंधित प्रासंगिक क्षेत्रों की पहचान की जा सके।’

पहल के तहत, एनएसडीसी आदिवासी महिलाओं की शैक्षिक जरूरतों और उद्योग की मांगों के अनुसार कौशल प्रशिक्षण पाठ्यक्रम बनाने और संकल्पना के माध्यम से कार्यक्रम की पहुंच बनाने में सहायता करेगा। यह मौजूदा व्यवसायों और उद्यमों में कुशल कार्यबल की मांग का मैपिंग करने में भी मदद करेगा।

स्थानीय और अंतरराष्ट्रीय बाजार की मांगों को समझने के लिए आवश्यकता-आधारित रिसर्च कार्यान्वित करने और नॉलेज पार्टनर – आईआईएम रांची और आईसीटी मुंबई से इनपुट की सुविधा प्रदान करेगा, जिससे युवाओं को विशिष्ट उद्योग पर व्यावहारिक प्रशिक्षण प्राप्त करने में सक्षम बनाया जा सके। इसके अलावा, यह प्रगति की निगरानी करेगा और जनजाति आबादी के प्रशिक्षण को तेज करने के लिए संबंधित मार्केट लिंकेज स्थापित करने के लिए सेंटर को सुधार की सलाह देगा।

इस कार्यक्रम में रांची आईआईएम के निदेशक दीपक श्रीवास्तव, श्रम सचिव राजेश शर्मा, भाजपा संघटक वी सतीश, विकास भारती की उपाध्‍यक्ष डॉ रंजना चौधरी, संयुक्‍त सचिव महेन्द्र भगत सहित अन्‍य उपस्थित थे।