अनिल बेदाग
मुंबई। दुनिया भर में अपनी खूबसूरती और सफलता से पहचान बनाने वाली उर्वशी रौतेला के जीवन में एक ऐसा क्षण आया, जिसने उनकी सोच और व्यक्तित्व को हमेशा के लिए बदल दिया। यह पल था उनकी पहली फिल्म सिंह साब द ग्रेट के सेट पर, जहां सनी देओल और बॉबी देओल के साथ सुपरस्टार धर्मेंद्र की मौजूदगी ने एक अनमोल याद जोड़ दी।
उर्वशी उस समय “दारू बंद कल से” गाने की शूटिंग कर रही थीं। रोशनी और रिहर्सल के बीच धर्मेंद्र ने उन्हें पास बुलाकर बेहद सरल, लेकिन जीवन बदल देने वाली सलाह दी, “बेटा, ईगो को हमेशा अपने पैरों के नीचे रखकर कुचल दो।”
यह कोई औपचारिक सीख नहीं थी, बल्कि एक दिग्गज कलाकार का गहरे अनुभव से निकला सत्य, जिसने उर्वशी के भीतर विनम्रता की मजबूत नींव रख दी।
इस एक वाक्य ने उर्वशी के करियर को दिशा दी। अंतरराष्ट्रीय रेड कार्पेट्स से लेकर वर्ल्डवाइड म्यूज़िक चार्ट्स तक, वह हर उपलब्धि को उसी नम्रता और कृतज्ञता से जीती हैं।
धर्मेंद्र की दी यह सीख अब उनके जीवन-दर्शन का हिस्सा है—याद दिलाती हुई कि असली महानता केवल शोहरत में नहीं, बल्कि जमीन से जुड़े रहने में है।
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