रांची। शुक्रवार को बड़ी खबर आई है, झारखंड की गृह सचिव वंदना दादेल ने सुप्रीम कोर्ट में ऑनलाइन उपस्थित हो कर माफी मांगी है।
इसके साथ ही डेली मार्केट थाना के टैक्सी स्टैंड में हुई सोनू इमरोज की हत्या के मामले में शमशेर और अरशद को हाईकोर्ट से मिली अग्रिम ज़मानत को चुनौती देने का वायदा किया।
गृह सचिव वंदना दादेल ने दो सप्ताह के अंदर हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देने का वायदा किया। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने इमरान उर्फ गुड्डू की जमानत याचिका पर सुनवाई के लिए दो सप्ताह बाद का समय निर्धारित किया।
मिली जानकारी के अनुसार सुप्रीम कोर्ट में न्यायाधीश जेबी पारदीवाला और न्यायाधीश केवी विश्वनाथन पीठ में इमरान उर्फ गुड्डू की जमानत याचिका सुनवाई के लिए 51 वें नंबर पर लिस्टेड थी।
न्यायालय के आदेश के आलोक में गृह सचिव ऑनलाइन हाजिर हुईं। न्यायालय ने इमरान की याचिका की सुनवाई सबसे पहले शुरू की। न्यायालय की कार्यवाही शुरू होते ही जेबी पारदीवाला ने यह जानना चाहा कि गृह सचिव उपस्थित हैं या नहीं।
गृह सचिव ने उपस्थित होने की बात कही। इसके बाद न्यायालय ने यह जानना चाहा कि सरकार क्यों इतनी लापरवाही बरतती है, जिससे न्यायालय को इस तरह का आदेश देना पड़ता है।
गृह सचिव ने माफी मांगी और भविष्य में ऐसा नहीं होने का वायदा किया। इसके बाद न्यायालय ने राज्य सरकार के वकील से मुकदमे में उनकी अनुपस्थिति का कारण जानना चाहा। राज्य सरकार के वकील ने माफी मांगी।
इसके बाद न्यायालय ने यह जानना चाहा कि क्या इमरान उर्फ गुड्डू, अरशद और शमशेर के खिलाफ पुलिस ने क्लोज रिपोर्ट दायर किया था। न्यायालय ने यह भी जानना चाहा कि जिन अभियुक्तों के खिलाफ चश्मदीद गवाहों के बयान थे, मृतक के पिता ने भी शिकायत की थी। ऐसी परिस्थिति में पुलिस ने किन सबूतों के आधार पर तीनों के खिलाफ क्लोज रिपोर्ट दायर किया था।
सरकार की ओर से इस मामले में न्यायालय को इस बात की जानकारी दी गयी कि जांच अधिकारी ने इससे संबंधित सबूतों का उल्लेख नहीं किया है। सरकारी वकील की ओर यह भी कहा गया कि ट्रायल के दौरान ट्रायल कोर्ट ने धारा 319 के तहत अपनी शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए इमरान, अरशद और शमशाद को अभियुक्त बनाया था। अरशद और शमशाद ने ट्रायल कोर्ट के इस फैसले को चुनौती दी थी।
साथ ही हाई कोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका दायर की थी। हाईकोर्ट ने याचिका पर विचार करने के बाद दोनों को अग्रिम जमानत दे दी। इमरान उर्फ गुड्डू ने ट्रायल कोर्ट द्वारा अभियुक्त बनाये जाने को चुनौती नहीं दी थी।
न्यायालय ने हाजिर नहीं होने की वजह से गैर जमानती वारंट जारी किया था। इसके बाद वह जेल गया और हाईकोर्ट में जमानत याचिका दायर की। हाईकोर्ट ने इमरान की जमानत याचिका खारिज कर दी।
इसके बाद उसने सुप्रीम कोर्ट में हाईकोर्ट के फैसले को इस दलील के साथ चुनौती दी कि अभियुक्त बनाये गये दो लोगों को अग्रिम जमानत दे दी गयी है। लेकिन उसकी नियमित ज़मानत याचिका को ख़ारिज कर दिया गया है।
सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट को इस बात की जानकारी दी गयी कि मामले में छह अभियुक्त थे। जांच के बाद तीन के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया गया था। इसमें से दो को सजा सुनायी जा चुकी है। एक अभियुक्त को बरी कर दिया गया है।
घटना से संबंधित राज्य सरकार द्वारा दी गयी जानकारी के बाद जस्टिस जेबी पारदीवाला ने गृह सचिव से यह पूछा कि हाईकोर्ट ने जिन दो अभियुक्तों (शमशाद और अरशद) को अग्रिम जमानत दे दी है। उन दोनों के मामले में सरकार ने क्या विचार किया है।
जस्टिस जेबी पारदीवाला के इस सवाल पर गृह सचिव ने कहा कि सरकार हाईकोर्ट द्वारा दोनों अभियुक्तों को दी गयी अग्रिम जमानत के फैसले को चुनौती देगी। गृह सचिव ने दो सप्ताह के अंदर चुनौती देने का वायदा किया।
इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने इमरान उर्फ गुड्डू की ज़मानत याचिका पर सुनवाई दो सप्ताह के लिए स्थगित कर दी। साथ ही इमरान, अरशद और शमशाद के मामले को एक ही साथ सुनने का फैसला किया।
खबरें और भी हैं। इसे आप अपने न्यूज वेब पोर्टल dainikbharat24.com पर सीधे भी जाकर पढ़ सकते हैं। नोटिफिकेशन को अलाउ कर खबरों से अपडेट रह सकते हैं। साथ ही, सुविधा के मुताबिक अन्य खबरें भी पढ़ सकते हैं।
आप अपने न्यूज वेब पोर्टल से फेसबुक, इंस्टाग्राम, X, स्वदेशी एप arattai सहित अन्य सोशल मीडिया पर भी जुड़ सकते हैं। खबरें पढ़ सकते हैं। सीधे गूगल हिन्दी न्यूज पर जाकर खबरें पढ़ सकते हैं। अपने सुझाव या खबरें हमें dainikbharat24@gmail.com पर भेजें।
स्वदेशी एप पर इससे जुड़ें
https://chat.arattai.in/groups/t43545f313238383036363337343930333731343936395f32303030323937303330392d47437c3031303131353032363138323137353934323036313934393230
व्हाट्सएप पर इससे जुड़ें
https://chat.whatsapp.com/H5n5EBsvk6S4fpctWHfcLK


