बीईओ से लेकर बीआरपी, सीआरपी व ऑपरेटर  के वेतन पर रोक

झारखंड
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  • स्पष्टीकरण जारी मांगा गया जवाब

गणपत लाल चौरसिया

गुमला। उपायुक्त प्रेरणा दीक्षित के जिले की शैक्षणिक व्यवस्था में सुधार को लेकर की गई सख्ती और दैनिक समीक्षा से शिक्षा विभाग अब एक्शन मोड में है। सरकारी एवं सरकारी सहायता प्राप्त अल्पसंख्यक विद्यालय के सभी शिक्षक एवं कर्मियों के लिए समय पर आगमन और प्रस्थान पर बायोमैट्रिक उपस्थिति अनिवार्य कर दी गई है। किसी भी तरह के अवकाश के लिए ऑनलाइन आवेदन अनिवार्य किए गए हैं, ताकि पारदर्शिता बनी रहे।

उपायुक्त द्वारा जिले में गठित शैक्षणिक कोर टीम और सभी बीपीओ, बीआरपी, सीआरपी को बोर्ड परीक्षा की तैयारियों लिए उच्च एवं प्लस टू स्कूल के विशेष अनुश्रवण का निर्देश दिया गया है। स्कूलों के कम संख्या में अनुश्रवण और कम छात्र उपस्थिति पर गहरा असंतोष व्यक्त करते हुए तत्काल प्रदर्शन में सुधार संबंधी निर्देश के साथ चेतावनी भी दी गई है।

ज्ञात हो कि उपायुक्त द्वारा पूर्व में सिलेबस पूर्ण नहीं होने और बायोमैट्रिक उपस्थिति में कमी के कारण सभी उच्च एवं प्लस टू विद्यालय के शिक्षकों को भी प्रदर्शन में सुधार की चेतावनी दी गई है। अब बोर्ड परीक्षाओं के लिए विशिष्ट रणनीति तैयार कर सुधारात्मक कार्य कराए जा रहे हैं।

उपायुक्त के कड़े रुख के बाद डीईओ एवं डीएसई ने प्रखंडवार आंकड़ों के समीक्षा में असंतोषजनक प्रगति के कारण क्षेत्र शिक्षा पदाधिकारी सहित गुमला, सिसई, बसिया एवं पालकोट प्रखंड के प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी, प्रखंड कार्यक्रम पदाधिकारी, बीआरपी, सीआरपी, एमआईएस समन्वयक एवं कम्प्यूटर ऑपरेटर के वेतन / मानदेय के भुगतान पर रोक लगा दिया है। स्पष्टीकरण पूछा है कि इनके द्वारा अपने क्षेत्र में शिक्षक उपस्थिति और आंकड़ों के संकलन की दैनिक समीक्षा नहीं की जा रही है, जिससे इन चारों प्रखंड का प्रदर्शन खराब हो रहा है।

जिला शिक्षा पदाधिकारी कविता खलको द्वारा निर्गत स्पष्टीकरण में कहा गया है कि यूडायस में सभी शैक्षणिक आंकड़ों के ससमय संकलन एवं ईविद्यावाहिनी में सभी छात्र एवं शिक्षकों के ऑनलाइन उपस्थिति के उपरांत ही इनका वेतन/ मानदेय निर्गत किया जाएगा।

जिला शिक्षा अधीक्षक नूर आलम खां ने विभाग के सभी प्रखंड के पदाधिकारी एवं कर्मियों सहित परियोजना के पदाधिकारियों व कर्मियों को स्पष्ट चेतावनी दी है कि उपायुक्त के आदेशानुसार वे अपनी कार्य प्रणाली में सुधार लाते हुए ससमय सभी कार्यों का निष्पादन करें।

शिक्षकों को भी चेतावनी देते हुए कहा गया है कि चूंकि सारे कार्य अंतिम रूप से विद्यालयों द्वारा ही किए जाने हैं। अतः शैक्षणिक व्यवस्था में तत्काल सुधार, ससमय आंकड़ों के ऑनलाइन इंट्री और नियमित बायोमैट्रिक उपस्थिति सुनिश्चित करें अन्यथा उनपर पर भी कारवाई की जाएगी।

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