दक्षिणी कमान ने रणनीतिक संचार पर राष्ट्रीय संवाद का किया नेतृत्व

मुंबई देश
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मुंबई। दक्षिणी कमान मुख्यालय ने 10-11 अक्टूबर, 2025 को RSAMI, पुणे में ASCEND 2025 – स्थायी कथात्मक प्रभुत्व के लिए रणनीतिक संचार को संरेखित करना शीर्षक से रणनीतिक संचार पर दो दिवसीय सेमिनार का आयोजन किया। एक क्रांतिकारी बदलाव के रूप में परिकल्पित, ASCEND का उद्देश्य सूचना युग में कथात्मक प्रभुत्व प्राप्त करने की दिशा में एक सतत राष्ट्रीय प्रयास को संस्थागत रूप देना था।

इस सेमिनार में वरिष्ठ रक्षा अधिकारी, नीति निर्माता, पूर्व सैनिक, मीडिया पेशेवर, शिक्षाविद और उद्योग विशेषज्ञ सूचना युग में राष्ट्रीय शक्ति के एक महत्वपूर्ण साधन के रूप में रणनीतिक संचार पर विचार-विमर्श करने के लिए एकत्रित हुए।

लेफ्टिनेंट जनरल धीरज सेठ, पीवीएसएम, एवीएसएम, जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ, दक्षिणी कमान ने मुख्य भाषण दिया।

उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि रणनीतिक संचार राष्ट्रीय सुरक्षा के एक प्रमुख अंग के रूप में उभरा है और भारत की कहानी सत्य पर आधारित, हमारे मूल्यों पर आधारित और स्थायी आख्यानात्मक प्रभुत्व प्राप्त करने के लिए दृढ़ कार्यों से जुड़ी होनी चाहिए।

राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बोर्ड के अध्यक्ष आलोक जोशी इस संगोष्ठी के मुख्य अतिथि थे। आलोक जोशी और वरिष्ठ पत्रकार एवं रक्षा रणनीतिकार नितिन गोखले के बीच एक विशेष बातचीत में भारत के उभरते सूचना परिवेश और एक समन्वित राष्ट्रीय दृष्टिकोण की आवश्यकता पर प्रकाश डाला गया।

एनएसएबी के अध्यक्ष ने रणनीतिक संचार में राष्ट्रीय क्षमताओं को मज़बूत करने के लिए एक समग्र-सरकारी दृष्टिकोण और एक केंद्रित रोडमैप की आवश्यकता पर ज़ोर दिया।

संगोष्ठी में रणनीतिक संचार को संस्थागत बनाना, राष्ट्रीय सुरक्षा के एक भाग के रूप में रणनीतिक संचार, दुष्प्रचार, भ्रामक सूचना और शत्रुतापूर्ण दुष्प्रचार का रणनीतिक प्रतिकार करने पर भारतीय दृष्टिकोण और आख्यानात्मक स्वरूपण में प्रौद्योगिकी का एकीकरण जैसे प्रमुख मुद्दों पर विचार-विमर्श किया गया।

विचार-विमर्श में एक एकीकृत राष्ट्रीय रणनीतिक संचार ढाँचे की आवश्यकता पर बल दिया गया। प्रतिभागियों ने इस बात पर सहमति व्यक्त की कि व्यापक पहुँच और प्रभाव प्राप्त करने में प्रौद्योगिकी का एकीकरण महत्वपूर्ण होगा।

पुणे अंतर्राष्ट्रीय केंद्र (पीआईसी) और वर्तमान एवं रणनीतिक मामलों में उन्नत अध्ययन केंद्र (सीएएसए) के सहयोग से आयोजित इस संगोष्ठी का समापन राष्ट्रीय शक्ति के एक प्रमुख घटक के रूप में रणनीतिक संचार को संस्थागत बनाने की आवश्यकता पर आम सहमति के साथ हुआ।

एस्केंड 2025 भारत के रणनीतिक संचार ढांचे को आकार देने में एक महत्वपूर्ण कदम है और यह विकासशील भारत @2047 के दृष्टिकोण के अनुरूप है, जो कथात्मक लचीलेपन, संज्ञानात्मक तैयारी और राष्ट्रीय तालमेल के प्रति भारतीय सेना की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

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