सीसीएल में ‘नेशनल पीआर कॉनक्लेव–2025’ का शुभारंभ

झारखंड
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  • कंपनी की पहचान जनसंपर्क से बनती है : प्रह्लाद कक्कड़

रांची। सेंट्रल कोलफील्ड्स लिमिटेड (सीसीएल) के तत्वावधान में आयोजित “नेशनल पीआर कॉनक्लेव– 2025” का शुभारंभ कंपनी मुख्यालय स्थित गंगोत्री कन्वेंशन सेंटर 8 अक्टूबर को हुआ। दो दिवसीय इस आयोजन के उद्घाटन समारोह में मुख्य अतिथि कोल इंडिया के निदेशक (मानव संसाधन) विनय रंजन, फिल्म निर्माता, एड गुरू और पत्रकार प्रह्लाद कक्कड़, वरिष्ठ पत्रकार पद्मश्री बलबीर दत्त, सीसीएल के सीएमडी निलेंदु कुमार सिंह, ईसीएल के सीएमडी सतीश झा ने शामिल हुए।

इस अवसर पर मुख्य अतिथि विनय रंजन ने कहा कि “नेशनल पीआर कॉन्क्लेव–2025” का आयोजन पूरे कोल इंडिया के लिए गर्व की बात है। उन्होंने नकारात्मक खबरों का मुकाबला सकारात्मक खबरों से करने की रणनीति पर काम करने का सुझाव दिया। उन्होंने सीसीएल और झारखंड सरकार के संयुक्त पहल से चलाए जा रहे जेएसएसएसपी का भी उल्लेख किया।

ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड के सीएमडी सतीश झा ने कहा कि “पीआर और विज्ञापन दो अलग चीज़ें हैं। सिर्फ रिश्ता बनाना ही नहीं, बल्कि विश्वास स्थापित करना भी उतना ही महत्वपूर्ण है। ईमानदारी, रणनीति और सहानुभूति के साथ कंपनी का अच्छा प्रभाव बनाया जा सकता है। आज पीआर केवल इमेज मैनेजमेंट तक सीमित नहीं रहा, बल्कि यह रिश्ते बनाने और उद्देश्यपूर्ण संवाद का सशक्त माध्यम बन चुका है।

सीसीएल के सीएमडी निलेंदु कुमार सिंह ने कहा कि हमारी सफलता साझेदारी और संवाद पर आधारित है। खासकर एआई की दुनिया में सूचनाओं का आदान-प्रदान और भी महत्वपूर्ण हो गया है। उन्होंने आगे कहा कि जब हम बोलें और सामने वाला समझ जाए यही सशक्त एवं प्रभावी संचार है।

मुख्य अतिथि प्रमुख विज्ञापन गुरु प्रह्लाद कक्कड़ ने कहा कि हमें कभी हार नहीं मानना चाहिए। याद रखिए डर के आगे ही जीत है। किसी भी संस्था या कंपनी की पहचान केवल उसके काम से नहीं, बल्कि उसके जनसंपर्क से बनती है। पीआर वह सेतु है, जो जनता और संगठन के बीच विश्वास का पुल तैयार करता है।

श्री कक्कड़ ने कहा कि आज की युवा पीढ़ी में अपार शक्ति है। उनके विचार, उनके सुझाव, और उनकी दृष्टि किसी भी संगठन को नई दिशा दे सकते हैं। किसी भी कंपनी के लिए यह जरूरी है कि वह युवाओं की बात सुने, समझे और उन्हें निर्णय प्रक्रिया में शामिल करें। जो संगठन युवाओं को नज़रअंदाज़ करते हैं, वे भविष्य की संभावनाएं खो देते हैं।

राष्ट्रपति के पूर्व प्रेस सलाहकार एवं वरिष्ठ पत्रकार अजय कुमार सिंह ने कहा कि जनसंपर्क केवल सूचना प्रसारण का माध्यम भर नहीं है, बल्कि यह समाज और संस्थान के बीच विश्वास का सेतु है।

इंडियन हेबिटेट सेंटर के निदेशक के.जी. सुरेश ने तेज़ और जिम्मेदार प्रतिक्रिया को आधुनिक पीआर की जरूरत बताया। उन्होंने अलग-अलग वीडियो के माध्यम से बताया कि रचनात्मक एवं भावपूर्ण कहानियां स्वंय ही प्रभावी संचार में सक्षम होती है,व। उन्हें कोई भाषाई और भौगोलिक सीमाएं नहीं रोक सकती हैं। उन्होंने कहा एआई के दौर में सूचनाओं के तथ्यपरकता पर प्रकाश डाला।

वहीं आईआईएमसी की विभागाध्यक्ष (एमबीएस) प्रो. डॉ सुरभि दहिया ने कहा कि टारगेट ऑडियंस को समझना और इंडस्ट्री सोर्सेज का बेहतर उपयोग पीआर प्रोफेशनल की कुंजी है।

वहीं, केंद्रीय विश्वविद्यालय, झारखंड के मास कम्युनिकेशन के विभागाध्यक्ष डॉ देव व्रत सिंह ने छात्रों के लिए जनसंपर्क और संचार क्षेत्र में अवसरों की विशेषता पर जोर दिया।

सीसीएल के सीसी एवं पीआर विभाग के विभागाध्यक्ष आलोक कुमार गुप्ता वे कहा कि सीसीएल द्वारा आयोजित यह कॉनक्लेव न केवल विचारों का संगम बना, बल्कि जनसंपर्क के क्षेत्र में नई दृष्टि और दिशा प्रदान करने वाला मील का पत्थर साबित होगा।

इस कार्यक्रम में सीसीएल के निदेशक वित्त पवन कुमार मिश्रा, निदेशक (मानव संसाधन) हर्ष नाथ मिश्रा, निदेशक तकनीकी (परियोजना एवं योजना) शंकर नागाचारी, सीवीओ पंकज कुमार, कोल इंडिया की विभिन्न अनुषंगी कंपनियों और सीसीएल के अधिकारी, देशभर के जनसंपर्क विशेषज्ञ, मीडिया प्रतिनिधि, विज्ञापन जगत के दिग्गज, रांची के विभिन्न विश्वविद्यालयों, कॉलेजों के शिक्षक और बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं शामिल हुए।

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