बीएयू में प्रधानमंत्री धन धान्य कृषि योजना का शुभारंभ कार्यक्रम, झारखंड में यहां होगा लागू

झारखंड कृषि
Spread the love

  • तीन जिलों से आये 250 किसान योजनाओं से जागरूक हुए

रांची। बिरसा कृषि विश्वविद्यालय के कृषि संकाय प्रेक्षागृह में 11 अक्‍टूबर को प्रधानमंत्री धन धान्य कृषि योजना और दलहन आत्मनिर्भरता मिशन शुभारंभ कार्यक्रम का लाइव शो आयोजित किया गया। इसमें बीएयू के वैज्ञानिकों, कर्मियों के आलावा रांची, खूंटी और गुमला जिले के विभिन्न प्रखंडों से आये लगभग 250 किसानों ने भाग लिया और प्रधानमंत्री का संबोधन सुना।

प्रधानमंत्री राष्ट्रीय कृषि विज्ञान अकादमी, नयी दिल्ली से देश के विभिन्न कृषि विश्वविद्यालयों और कृषि विज्ञान कन्द्रों में आये किसानों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कृषि अवसंरचना, पशुपालन, मत्स्यपालन, खाद्य प्रसंस्करण आदि से जुडी देश भर की 2100 से अधिक परियोजनाओं का ऑनलाइन उदघाटन एवं शिलान्यास भी किया।

धन धान्य कृषि योजना देश के वैसे 100 आकांक्षी जिलों में कार्यान्वित की जानी है, जहां कृषि विकास की रफ़्तार अपेक्षाकृत धीमी रही है। इनमें झारखंड का पश्चिमी सिंहभूम और सिमडेगा जिला शामिल है।

बीएयू के कुलपति डॉ एससी दुबे ने कहा कि इस परियोजना को भारत सरकार के 11 मंत्रालय राज्य सरकार के साथ मिलकर क्रियान्वित करेंगे। उन्होंने कहा कि किसानो को सालो भर टिकाऊ उत्पादन, बेहतर आय और मिटटी एवं प्रकृति के संरक्षण के लिए कृषि पद्धति में बागवानी, पशुपालन, मत्स्यपालन, मुर्गीपालन, मधुमक्खी पालन, वानिकी को जोड़ते हुए उसे वैविध्यपूर्ण बनाना होगा। झारखंड सरकार बहुत सी कृषि योजनाओं पर 50 से 100 प्रतिशत तक की सब्सिडी दे रही है। इनका लाभ उठाने के लिए किसानों को आगे आना चाहिए।

डॉ सीएस महतो ने प्रमुख रबी दलहन फसल उत्पादन की उन्नत तकनीक, सिद्धार्थ जायसवाल ने प्राकृतिक कृषि का सिद्धांत एवं व्यवहार, डॉ नूतन वर्मा ने प्रमुख तेलहन फसलों का उन्नत पैकेज ऑफ़ प्रैक्टिसेज, डॉ बिनय कुमार ने राष्ट्रीय कीट सर्वेक्षण सिस्टम और डॉ बीके झा ने किसान शिकायत निवारण पोर्टल, जीएसटी दरें कम किये जाने के लाभ तथा भारत सरकार एवं राज्य सरकार की फ्लैगशिप योजनायें विषय पर किसानों के लिए जागरुकता व्याख्यान दिया।

कार्यक्रम में शामिल होने के लिए बीएयू द्वारा प्रवर्तित किसान उत्पादक संगठनों और आदर्श ग्राम के रूप में विकसित किये जाने के लिए चयनित गांवों के किसान आये थे, जिनकी जिज्ञासाओं का समाधान भी वैज्ञानिकों द्वारा किया गया। संचालन शशि सिंह ने किया।

स्वागत करते हुए प्रसार शिक्षा निदेशक डॉ रेखा सिन्हा ने कहा कि योजना के तहत आकांक्षी जिलों में कृषि आत्मनिर्भरता, उत्पादकता एवं आय वृद्धि, फसल विविधीकरण आदि को बढ़ावा दिया जाना है।

खबरें और भी हैं। इसे आप अपने न्‍यूज वेब पोर्टल dainikbharat24.com पर सीधे भी जाकर पढ़ सकते हैं। नोटिफिकेशन को अलाउ कर खबरों से अपडेट रह सकते हैं। साथ ही, सुविधा के मुताबिक अन्‍य खबरें भी पढ़ सकते हैं।

आप अपने न्‍यूज वेब पोर्टल से फेसबुक, इंस्‍टाग्राम, X, स्‍वदेशी एप arattai सहित अन्‍य सोशल मीडिया पर भी जुड़ सकते हैं। खबरें पढ़ सकते हैं। सीधे गूगल हिन्‍दी न्‍यूज पर जाकर खबरें पढ़ सकते हैं। अपने सुझाव या खबरें हमें dainikbharat24@gmail.com पर भेजें।

स्‍वदेशी एप पर इससे जुड़ें
https://chat.arattai.in/groups/t43545f313238383036363337343930333731343936395f32303030323937303330392d47437c3031303131353032363138323137353934323036313934393230

हमसे इस लिंक से जुड़ें
https://chat.whatsapp.com/H5n5EBsvk6S4fpctWHfcLK

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *