गुरु नानक सेवक जत्था ने आंचल शिशु आश्रम में मनाई दिवाली

झारखंड धर्म/अध्यात्म
Spread the love

रांची। गुरु नानक सेवक जत्था के सदस्यों ने सोमवार को आंचल शिशु आश्रम में बच्चों के साथ दिवाली मनाई, जिससे बच्चों के चेहरे पर खुशियां आईं।यह आयोजन जत्था की ओर से दीपावली और बंदी छोड़ दिवस के उपलक्ष्य में किया गया था।

जत्था के सूरज झंडई ने बताया कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य अनाथ बच्चों के साथ दि‍वाली मनाकर उनके जीवन में खुशियां लाना है। जत्था के सदस्य सूरज झंडई, पीयूष मिड्ढा, आकाश मिड्ढा, रुद्र गिरधर, गीतांशु तेहरी ने बच्चों के बीच चिप्स, बिस्किट,कोल्ड ड्रिंक,मिठाई और पटाखे का वितरण किया। उनके साथ पटाखे छोड़े।

गुरुद्वारा श्री गुरु नानक सत्संग सभा द्वारा कृष्णा नगर कॉलोनी गुरुद्वारा साहिब में बंदी छोड़ दिवस पर शाम 7:30 बजे से रात 10:45 बजे तक विशेष दीवान सजाया गया। दीवान की शुरुआत हजूरी रागी जत्था भाई महिपाल सिंह और साथियों द्वारा “सतगुरु बंदी छोड़ है जीवन मुकत करे उडीना….”, “भया अनंद जगत विच कल तारण गुरुनानक आया….”, “गुर पूरे मेरी राख लई अमृत नाम ह्रदय में दिनो,जनम जनम की मैल गई..” शबद गायन कर साथ संगत को गुरु वाणी से जोड़ा।

सत्संग सभा के सेवक मनीष मिढ़ा ने कथा वाचन कर साध संगत को बताया कि मुगलों ने जब मध्य प्रदेश के ग्वालियर के किले को अपने कब्जे में लिया तो इसे जेल में तबदील कर दिया। इस किले में मुगल सल्तनत के लिए खतरा माने जाने वाले लोगों को कैद करके रखा जाता था।

बादशाह जहांगीर ने यहां 52 राजाओं के साथ छठे गुरु श्री गुरु हरगोविंद साहिब जी को कैद रखा था। जहांगीर को सपने में एक रूहानी हुक्म के कारण गुरु हरगोविंद साहिब जी को रिहा करने पर मजबूर होना पड़ा था। दीपावली के दिन गुरु साहिब मुगल बादशाह की कैद से खुद तो रिहा हुए ही साथ में 52 कैदी राजाओं को भी मुगलों की कैद से बाहर ले आए।

इसी घटना की याद में वहां गुरुद्वारा बनाया गया था, जिसे गुरुद्वारा दाता बंदी छोड़ साहिब नाम दिया गया। सिख धर्म में दीपावली के पर्व पर तब से ही ‘बंदी छोड़ दिवस’ मनाया जाता है। श्री अनंद साहिब जी के पाठ,अरदास, हुक्मनामा के साथ दीवान की समाप्ति रात 10:45 बजे हुई।

दीवान में द्वारकादास मुंजाल, अर्जुन देव मिढ़ा, सुंदर दास मिढा, नरेश पपनेजा, हरविंदर सिंह बेदी, सुरेश मिढ़ा, जीवन मिढ़ा, अशोक गेरा, हरगोबिंद सिंह, मोहन काठपाल, विनोद सुखीजा, रमेश पपनेजा, इंदर मिढा, आशु मिड्ढा, नवीन मिढा, महेंद्र अरोड़ा, सुभाष मिड्ढा, रमेश गिरधर, अश्विनी सुखीजा, राकेश गिरधर, रमेश तेहरी, जीतू अरोड़ा, राजेन्द्र मक्कड़, हरीश तेहरी, भरत गाबा, पंकज मिढ़ा, पवनजीत सिंह, कमल मुंजाल, लक्ष्मण सरदाना, बसंत काठपाल, हरीश मिढ़ा शामिल थे।

इसके अतिरिक्‍त हरविंदर सिंह, प्रकाश गिरधर, गुलशन मुंजाल, गौरव मिढ़ा,अमन डावरा, पियूष मिढ़ा, उमेश मुंजाल, मनीष गिरधर, सूरज झंडई, ज्ञानन मादन पोतरा, हैप्पी अरोड़ा, वंश डावरा, खुशबू मिड्ढा, हरजिंदर कौर, उषा पपनेजा, ममता थरेजा,बिमला मिढा, प्रेमी काठपाल, नीतू किंगर, उषा झंडई, रजनी कौर, गूंज काठपाल, सुषमा गिरधर, दुर्गी देवी मिड्ढा, रजनी तेहरी, राज काठपाल, रानी तलेजा, रेशमा गिरधर, मीना गिरधर समेत अन्य शामिल थे।

खबरें और भी हैं। इसे आप अपने न्‍यूज वेब पोर्टल dainikbharat24.com पर सीधे भी जाकर पढ़ सकते हैं। नोटिफिकेशन को अलाउ कर खबरों से अपडेट रह सकते हैं। साथ ही, सुविधा के मुताबिक अन्‍य खबरें भी पढ़ सकते हैं।

आप अपने न्‍यूज वेब पोर्टल से फेसबुक, इंस्‍टाग्राम, X, स्‍वदेशी एप arattai सहित अन्‍य सोशल मीडिया पर भी जुड़ सकते हैं। खबरें पढ़ सकते हैं। सीधे गूगल हिन्‍दी न्‍यूज पर जाकर खबरें पढ़ सकते हैं। अपने सुझाव या खबरें हमें dainikbharat24@gmail.com पर भेजें।

स्‍वदेशी एप पर इससे जुड़ें
https://chat.arattai.in/groups/t43545f313238383036363337343930333731343936395f32303030323937303330392d47437c3031303131353032363138323137353934323036313934393230

हमसे इस लिंक से जुड़ें
https://chat.whatsapp.com/H5n5EBsvk6S4fpctWHfcLK

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *